नई दिल्ली: रेलवे पटरियों पर हो रही तोड़फोड़ और ट्रेन दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए रेलवे ने एक नई पहल शुरू की है। रेलवे अब किसानों, स्थानीय निवासियों और चरवाहों को ‘ट्रैक मित्र’ के रूप में नियुक्त करेगा, जो पटरियों की निगरानी में सहायता करेंगे। ये ‘ट्रैक मित्र’ रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के साथ मिलकर काम करेंगे और पटरियों के पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी देंगे। रेलवे पटरियों की सुरक्षा के लिए ‘ट्रैक मित्र’ की नियुक्ति: किसान, चरवाहे और स्थानीय लोग करेंगे निगरानी
पूर्वोत्तर रेलवे जोन में ‘ट्रैक मित्र’ की शुरुआत
रेलवे ने पूर्वोत्तर रेलवे जोन में लगभग 170 ‘ट्रैक मित्र’ नियुक्त कर दिए हैं। यह पहल यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। रेलवे पटरियों पर आरपीएफ कर्मियों और इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों द्वारा संयुक्त गश्त भी शुरू की जा चुकी है, ताकि किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ या ट्रेन संचालन में बाधा डालने के प्रयासों को रोका जा सके।
‘ट्रैक मित्र’ की भूमिका
आरपीएफ अब उन किसानों, स्थानीय निवासियों और चरवाहों की सूची बना रही है, जिनकी भूमि रेलवे पटरियों के पास है। इन्हें ‘ट्रैक मित्र’ बनाया जाएगा, जो पटरियों के पास संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और तुरंत सुरक्षा कर्मियों को सूचित करेंगे। रेलवे सामुदायिक पुलिसिंग के तहत भी पटरियों की निगरानी की जा रही है, जिसमें गांवों के लोगों, ग्राम प्रधानों और छात्रों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वे ट्रेन और पटरियों की सुरक्षा के लिए सहयोग कर सकें। रेलवे पटरियों की सुरक्षा के लिए ‘ट्रैक मित्र’ की नियुक्ति: किसान, चरवाहे और स्थानीय लोग करेंगे निगरानी
जागरूकता अभियान और संदिग्धों पर निगरानी
रेलवे लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसमें स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय किया जा रहा है। पहले से इस प्रकार के मामलों में संलिप्त अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। साथ ही, आरपीएफ चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है और पटरियों पर किसी भी शरारती गतिविधि को रोकने के लिए जानकारी एकत्र कर रही है। रेलवे अधिकारी पटरियों के आसपास लावारिस हालत में पड़े सामान को भी हटा रहे हैं ताकि कोई भी अनहोनी घटना न हो सके। रेलवे पटरियों की सुरक्षा के लिए ‘ट्रैक मित्र’ की नियुक्ति: किसान, चरवाहे और स्थानीय लोग करेंगे निगरानी