रायपुर

कोयला और शराब घोटाला के आरोपितों को दी जा रही थी VIP सुविधा, DIG समेत छह अधिकारियों पर हुई कार्रवाई

NCG NEWS DESK RAIPUR :-

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छत्तीसगढ़ के रायपुर केंद्रीय जेल में वीआइपी सुविधा देने की खबर सामने आई है। जेल में यह सुविधा करोड़ों के कोयला और शराब घोटाले के आरोपितों को दी जा रही थी। वीआइपी सुविधा देने के आरोप में डीआइजी (जेल) समेत छह को शुक्रवार को दूसरी जेलों में भेज दिया गया।

जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं, उनमें डीआइजी के साथ जेल अधीक्षक का प्रभार संभाल रहे एसएस तिग्गा, जेलर गोरखनाथ प्रधान समेत एक प्रहरी, महिला जेल की प्रभारी उप जेल अधीक्षक मधु सिंह और दो महिला प्रहरी भी शामिल हैं। आरोप है कि निलंबित आइएएस अधिकारी रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, अनवर ढेबर सहित 20 से अधिक आरोपितों को जेल में तमाम विशेष सुविधाएं दी गईं। विधानसभा के बजट सत्र में भी यह मामला विधायक राजेश मूणत ने उठाया था।

छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने जेल का किया था निरीक्षण 

बता दें कि वीआइपी सुविधा देने के आरोपों की सच्चाई जानने के लिए छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने जेल का निरीक्षण किया था। रायपुर जेल में बंद आरोपित सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, नितेश पुरोहित, त्रिलोक ढिल्लन सहित अन्य आरोपितों को वीआइपी सुविधा देने के आरोप जेल अधिकारियों पर लगते रहे है। सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जेल अस्पताल के डाक्टरों की सलाह पर गंभीर बीमारी से पीडि़त बंदियों को इलाज के लिए सरकारी, निजी अस्पताल में भर्ती कराने का प्रविधान है। अमूमन रोज ऐसे तीन से पांच बंदियों को अस्पताल ले जाया जाता है।

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कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रसूखदार बंदी बीमारी का बहाना बनाकर अक्सर अस्पताल जाते थे, लेकिन सत्ता बदलते ही जेल प्रशासन अलर्ट है। पिछले दो महीने में करीब 50 सामान्य बंदियों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया है।

दिसंबर से पहले बार-बार हो रहे थे बीमार 

कोयला और शराब घोटाले में जेल में बंद छह आरोपित ऐसे है, जो दिसंबर से पहले बार-बार जेल में बीमार होकर अस्पतालों में भर्ती होकर सारी सुविधाएं ले रहे थे। लेकिन भाजपा सरकार आते ही कोई भी आरोपित एक बार भी बीमार नहीं हुआ। सूत्र बताते है कि अस्पताल के सबसे ज्यादा चक्कर सूर्यकांत तिवारी और अनवर ढेबर ने लगाए हैं। सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक ढिल्लन दिसंबर के पहले कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे।

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