दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ : दंतेवाड़ा जिले के हांदावाड़ा गांव में दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है। एक 10 साल के बच्चे ने अपनी बहादुरी से अपने पिता की जान बचाई। जंगल में बांस काटने गए वंजाराम नेताम पर भालू ने हमला कर दिया, लेकिन उनका बेटा दीपेंद्र बिना डरे भालू से भिड़ गया और डंडे से भालू को भगा दिया। 10 साल के बेटे ने भालू से पिता की जान बचाई, हिम्मत और बहादुरी की मिसाल
जंगल में हुआ जानलेवा हमला
घटना बारसूर थाना क्षेत्र के इंद्रावती नदी के पार हांदावाड़ा गांव के जंगल की है। वंजाराम नेताम अपने बेटे दीपेंद्र और कुछ ग्रामीणों के साथ जंगल में बांस लेने गए थे। अचानक एक भालू ने वंजाराम पर हमला कर दिया और उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया। 10 साल के बेटे ने भालू से पिता की जान बचाई, हिम्मत और बहादुरी की मिसाल
बेटे ने दिखाई अद्भुत बहादुरी
10 वर्षीय दीपेंद्र ने अपने पिता को भालू से बचाने के लिए डंडे से भालू पर हमला किया। दीपेंद्र की बहादुरी और सूझबूझ के कारण भालू जंगल की तरफ भाग गया। घायल पिता को तुरंत गांव लाया गया, और ग्रामीणों ने एंबुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया। 10 साल के बेटे ने भालू से पिता की जान बचाई, हिम्मत और बहादुरी की मिसाल
घायल की हालत और इलाज
वंजाराम नेताम को सिर में गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। 10 साल के बेटे ने भालू से पिता की जान बचाई, हिम्मत और बहादुरी की मिसाल
ग्रामीणों में जागरूकता की जरूरत
यह घटना जंगलों में रह रहे ग्रामीणों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें वन्य जीवों के हमलों से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। वन विभाग से भी सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की अपील की गई है। 10 साल के बेटे ने भालू से पिता की जान बचाई, हिम्मत और बहादुरी की मिसाल