नागरिक आपूर्ति निगम में ‘फर्जी नियुक्ति’ का बड़ा खुलासा: ओवर-एज अफसर अब खाद्य मंत्री के OSD!

रायपुर: नागरिक आपूर्ति निगम में ‘फर्जी नियुक्ति’ का बड़ा खुलासा: ओवर-एज अफसर अब खाद्य मंत्री के OSD! छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला 2012 में हुई सहायक प्रबंधकों की भर्ती से जुड़ा है, जिसमें नियमों को ताक पर रखकर एक ‘ओवर-एज’ उम्मीदवार को नौकरी दे दी गई। हैरान करने वाली बात यह है कि वही अधिकारी, संतोष अग्रवाल, अब खाद्य मंत्री दयाल दास के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (OSD) के रूप में पूरे विभाग का महत्वपूर्ण कार्यभार संभाल रहे हैं। इस मामले ने न केवल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सत्ता के संरक्षण की ओर भी इशारा किया है।
न्यूनतम आयु सीमा का उल्लंघन कर हुई नियुक्ति
जानकारी के अनुसार, 30 जुलाई 2012 को NAN ने सहायक प्रबंधकों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इस भर्ती के लिए न्यूनतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई थी। हालांकि, संतोष अग्रवाल, जिनकी आयु इस सीमा से अधिक थी, उनका आवेदन बिना उचित दस्तावेज़ सत्यापन के ही स्वीकार कर लिया गया। परीक्षा और साक्षात्कार के बाद उन्हें नियुक्ति भी मिल गई और वर्तमान में वे उप प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। यह नियुक्ति स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन करती है।नागरिक आपूर्ति निगम में ‘फर्जी नियुक्ति’ का बड़ा खुलासा
दबी हुई शिकायतें और विधानसभा में उठे सवाल
इस अनियमित नियुक्ति को लेकर कई शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विधानसभा में भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए गए, लेकिन ‘सत्ताधीशों की दलाली और कानूनी ढील’ के कारण मामला हमेशा दबा रहा। अब, पीड़ित पक्ष ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ (मीडिया) के सामने इस मुद्दे को उठाया है, जिसने गहन जांच के बाद इस ‘फर्जी नियुक्ति’ का खुलासा किया है। जांच में पाया गया है कि यह नियुक्ति अनियमितताओं की श्रेणी में आती है और ऐसे अधिकारी को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटाया जाना चाहिए।नागरिक आपूर्ति निगम में ‘फर्जी नियुक्ति’ का बड़ा खुलासा
खाद्य मंत्री के OSD पद पर तैनात, बढ़ा रही चिंता
यह मामला और भी गंभीर इसलिए हो जाता है क्योंकि संतोष अग्रवाल वर्तमान में खाद्य मंत्री दयाल दास के OSD के पद पर नियुक्त हैं। मंत्री के कार्यालय में सारे प्रशासनिक और वित्तीय कार्य उन्हीं के जिम्मे हैं। ऐसे में, एक ‘फर्जी आधार’ पर नियुक्त अधिकारी का इतने महत्वपूर्ण पद पर होना विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को जन्म दे सकता है, यह चिंता का विषय है।नागरिक आपूर्ति निगम में ‘फर्जी नियुक्ति’ का बड़ा खुलासा
तत्काल कार्रवाई की मांग
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ ने सामान्य प्रशासन विभाग से इस मामले की पूरी जांच कर ऐसे अधिकारी पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है। साथ ही, NAN अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव को दस्तावेज़ भेजकर जांच की मांग की गई है। यह वही NAN है जिसका अतीत 3000 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा रहा है। अभिकर्ताओं का कहना है कि सरकार को ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत ‘फर्जी नियुक्ति’ करने वाले अधिकारी से अब तक दिए गए वेतन-भत्तों की वसूली करनी चाहिए और उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर लगाम लग सके।नागरिक आपूर्ति निगम में ‘फर्जी नियुक्ति’ का बड़ा खुलासा









