राजनांदगांव: पूर्व पार्षद ने उठाई भ्रष्टाचार पर आवाज
राजनांदगांव। राजनांदगांव शहर के पूर्व पार्षद और जन-जन की आवाज कहे जाने वाले हेमंत ओस्तवाल ने नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ओस्तवाल ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और सफाई ठेके में फर्जी हाजिरी के जरिए हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करने की मांग की है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि महापौर के दबाव में निगम आयुक्त, भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो शासन के नियमों का उल्लंघन है। महापौर के दबाव में निगम आयुक्त फर्जी हाजिरी के मामले को न दबाएं: हेमंत ओस्तवाल
ओस्तवाल ने दिया 7 दिन का अल्टीमेटम
हेमंत ओस्तवाल ने निगम आयुक्त से अपील की है कि 7 दिनों के भीतर इस मामले में दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस भ्रष्टाचार को दबाने का प्रयास किया गया, तो वे जनहित में निगम कार्यालय और महापौर के निवास के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने इस स्थिति के लिए निगम और जिला प्रशासन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया। महापौर के दबाव में निगम आयुक्त फर्जी हाजिरी के मामले को न दबाएं: हेमंत ओस्तवाल
कलेक्टर से विशेष अनुरोध
ओस्तवाल ने जिले के ईमानदार कलेक्टर से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और टीएल बैठक के दौरान तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि भ्रष्टाचारियों को राजनीतिक दबाव में बचाने की कोशिश की गई, तो इसका असर जिला प्रशासन और अधिकारियों की छवि पर पड़ेगा। महापौर के दबाव में निगम आयुक्त फर्जी हाजिरी के मामले को न दबाएं: हेमंत ओस्तवाल
जनहित में कार्रवाई की मांग
हेमंत ओस्तवाल ने कहा कि वे इस मामले में पहले ही कलेक्टर और निगम आयुक्त से शिकायत दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने जनता और शासन हित को प्राथमिकता देते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की। महापौर के दबाव में निगम आयुक्त फर्जी हाजिरी के मामले को न दबाएं: हेमंत ओस्तवाल