
रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट’, कारोबारी को ट्रेडिंग का लालच, लुट गए 1.5 करोड़!
रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट, राजधानी रायपुर में साइबर अपराधियों ने दो अलग-अलग मामलों में जाल बिछाकर एक प्रोफेसर और एक कारोबारी से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम ठग ली है। एक मामले में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर को निशाना बनाया गया, तो दूसरे में शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का सपना दिखाकर एक व्यवसायी को ठगा गया। ये मामले साइबर ठगी के बदलते और खतरनाक तरीकों को उजागर करते हैं।
एक फोन कॉल और ‘डिजिटल अरेस्ट’: प्रोफेसर ने गंवा दिए 88 लाख
यह मामला दिखाता है कि पढ़े-लिखे लोग भी कैसे साइबर ठगों के मनोवैज्ञानिक जाल में फंस सकते हैं। ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती, लेकिन अपराधियों ने इसी का डर दिखाकर एक प्रोफेसर और उनकी शिक्षिका पत्नी से 88 लाख रुपये ठग लिए।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
कैसे शुरू हुआ ठगी का यह खेल?
पुरानी बस्ती क्षेत्र में रहने वाले एक 62 वर्षीय प्रोफेसर जब अपने कॉलेज जा रहे थे, तब उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को एक दूरसंचार कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके नंबर को ट्रैक किया जा रहा है। उसने प्रोफेसर को बेंगलुरु पुलिस के एक फर्जी इंस्पेक्टर ‘संदीप राव’ से बात करने को कहा और उसका नंबर भी दिया।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
वर्दी में IPS बनकर डराया, सुप्रीम कोर्ट का भेजा फर्जी ऑर्डर
जब प्रोफेसर ने दिए गए नंबर पर वीडियो कॉल किया, तो वर्दी पहने एक शख्स ने खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताया। उसने आरोप लगाया कि प्रोफेसर के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक सिम कार्ड लिया गया है, जिसका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में हो रहा है। इसके बाद एक और वीडियो कॉल आया, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ‘दया नायक’ बताया।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
अपराधियों ने प्रोफेसर और उनकी पत्नी को इतना डरा दिया कि अगर उन्होंने स्थानीय पुलिस या किसी और को इस बारे में बताया तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
जांच के नाम पर खाली करवा लिए सारे खाते
ठगों ने पीड़ितों को भरोसे में लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट का एक फर्जी ऑर्डर भी भेजा। उन्होंने कहा कि उनके बैंक खातों की जांच की जाएगी, इसलिए खातों में जमा पूरी रकम “सरकारी जांच खातों” में ट्रांसफर कर दें। डरे हुए प्रोफेसर और उनकी पत्नी ने अपराधियों के बताए गए खातों में अलग-अलग दिनों में RTGS के जरिए 60 लाख रुपये जमा कर दिए।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
इतना ही नहीं, उन्होंने अपने म्यूचुअल फंड तुड़वा दिए और पत्नी के नाम पर 20 लाख का लोन भी ले लिया। इस तरह ठगों ने कुल 87.95 लाख रुपये उनसे ऐंठ लिए। जब अपराधियों ने 30 लाख रुपये की और मांग की, तब उन्हें शक हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
इंस्टाग्राम पर दोस्ती, फिर शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच: कारोबारी से 60 लाख की ठगी
दूसरा मामला देवेंद्र नगर इलाके का है, जहाँ एक व्यवसायी को ऑनलाइन ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर फंसाया गया।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
ऐसे फंसाया अपने जाल में
देवेंद्र नगर निवासी 52 वर्षीय शशिकांत वर्मा की दोस्ती इंस्टाग्राम पर ‘सौजन्या गिल’ नाम की एक महिला से हुई। महिला ने खुद को एक ट्रेडिंग कंपनी का कोऑर्डिनेटर बताया और शशिकांत को शेयर बाजार में निवेश कर रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाया।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
शशिकांत उसकी बातों में आ गए और उसने महिला के बताए कंपनी के खातों में धीरे-धीरे करके पैसे जमा करना शुरू कर दिया। कुछ ही समय में उन्होंने कुल 60 लाख 85 हजार रुपये जमा कर दिए। जब उन्होंने अपना मुनाफा या मूल रकम वापस मांगी, तो महिला ने संपर्क तोड़ दिया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट
साइबर ठगी से रहें सावधान: राजधानी में बढ़ते मामले
रायपुर में इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। कुछ अन्य चर्चित मामलों में शामिल हैं:
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एक सेवानिवृत्त महिला अधिकारी से 2.83 करोड़ रुपये की ठगी।
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एक बुजुर्ग महिला से 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी।
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एक शिक्षिका से 8 लाख रुपये से अधिक की ठगी।
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एक रिटायर्ड क्लर्क से 14 लाख रुपये की ठगी।
यह घटनाएं हमें सिखाती हैं कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या ऑनलाइन दोस्ती पर भरोसा करने से पहले सौ बार सोचें। कोई भी सरकारी एजेंसी या पुलिस विभाग आपसे जांच के नाम पर पैसे की मांग नहीं करता है।रायपुर में साइबर फ्रॉड का डबल अटैक: प्रोफेसर ‘डिजिटल अरेस्ट









