औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद में एक दर्दनाक सड़क हादसे के बाद शव वाहन न मिलने से परिजनों को अपने बेटे की लाश कार की डिक्की में लेकर जाना पड़ा। यह घटना प्रशासनिक अव्यवस्था की पोल खोलती है। नहीं मिला शव वाहन, परिजन कार की डिक्की में ले गए लाश
इंटर की परीक्षा देने जा रहे छात्र की सड़क हादसे में मौत
शुक्रवार सुबह 18 वर्षीय हिमांशु सिंह अपने दोस्तों के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा देने ओबरा जा रहा था। रास्ते में एनएच-139 पर उनकी बाइक की आमने-सामने टक्कर हो गई।
🔹 इस हादसे में हिमांशु और राहुल की मौत हो गई, जबकि मौसम कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया।
🔹 घायलों को इलाज के लिए ओबरा सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज में देरी के कारण राहुल की मौके पर ही मौत हो गई।
🔹 हिमांशु को औरंगाबाद सदर अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। नहीं मिला शव वाहन, परिजन कार की डिक्की में ले गए लाश
शव वाहन नहीं मिलने से परिजन हुए मजबूर
पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन की तलाश करने लगे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने वाहन उपलब्ध नहीं कराया।
🔹 प्रशासन ने कहा कि सिर्फ एक ही शव वाहन है, जो पहले से कहीं गया हुआ था और लौटने में समय लगेगा।
🔹 तीन घंटे इंतजार के बाद परिजनों ने शव को कार की डिक्की में रखकर घर ले जाने का फैसला किया।
🔹 इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे अस्पताल प्रशासन की भारी आलोचना हो रही है। नहीं मिला शव वाहन, परिजन कार की डिक्की में ले गए लाश
नेताओं और स्थानीय लोगों ने की निंदा
🔹 राजद नेता सुबोध कुमार सिंह ने इस घटना को लेकर प्रशासन की कड़ी आलोचना की।
🔹 उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं और शव वाहन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं।
🔹 स्थानीय लोगों ने प्रशासन से शव वाहन की संख्या बढ़ाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। नहीं मिला शव वाहन, परिजन कार की डिक्की में ले गए लाश
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
🔹 हिमांशु अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी एक छोटी बहन है।
🔹 राहुल की बहन की शादी शनिवार को तय थी, लेकिन घर में खुशियों की जगह मातम छा गया।
🔹 मृतक तीनों छात्र साइंस स्ट्रीम के थे और इंटरमीडिएट की फाइनल परीक्षा दे रहे थे। नहीं मिला शव वाहन, परिजन कार की डिक्की में ले गए लाश