बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा: महापौर हेमा देशमुख से ईमानदारी का सवाल – हेमंत ओस्तवाल

16 करोड़ के बुढ़ासागर के भ्रष्टाचार के एफ.आई.आर. का खुलासा महापौर श्रीमती हेमा देशमुख अपने कार्यकाल की अंतिम होने वाली 30 तारीख की सामान्य सभा में आम जनता के सामने खुलासा अपनी ईमानदारी का करके दिखाये – ओस्तवाल
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राजनांदगांव। बुढ़ासागर सौंदर्यकरण में हुए 16 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार के मामले में नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख के कार्यकाल में किए गए वादों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने महापौर से सवाल किया है कि क्या वह अपने कार्यकाल की अंतिम सामान्य सभा में इस मामले का खुलासा करेंगी और जनता के सामने अपनी ईमानदारी साबित करेंगी?बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा
2 साल बाद भी FIR का इंतजार
25 अगस्त 2022 की सामान्य सभा में सर्वसम्मति से बुढ़ासागर सौंदर्यकरण घोटाले में एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ओस्तवाल ने सवाल उठाया है कि 2 साल बीत जाने के बावजूद निगम आयुक्त और जांच अधिकारी यू.के. रामटेके ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा
क्या हुआ था 16 करोड़ के घोटाले में?
इस मामले की शुरुआत पूर्व महापौर मधुसूदन यादव के कार्यकाल में हुई, जहां 16 करोड़ रुपये की लागत से बुढ़ासागर का सौंदर्यकरण किया गया था। ओस्तवाल के मुताबिक, इस परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा
महापौर हेमा देशमुख ने कांग्रेस सरकार के दौरान जांच समिति गठित की थी, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, नगर निगम के अधिकारी कामना यादव और दीपक महला को निलंबित किया गया, जबकि दीपक जोशी के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश हुआ। इसके साथ ही ठेकेदार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा
भाजपा और कांग्रेस की सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास
25 अगस्त 2022 की सामान्य सभा में कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने मिलकर सर्वसम्मति से एफआईआर दर्ज कराने का प्रस्ताव पास किया और निगम आयुक्त को कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया। इसके बावजूद 2 साल बाद भी किसी प्रकार का खुलासा नहीं हुआ।बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा
भ्रष्टाचार पर सवाल: जनता के सामने जवाब देने की मांग

ओस्तवाल ने यह भी कहा कि यदि पूर्व महापौर मधुसूदन यादव के कार्यकाल में भ्रष्टाचार नहीं हुआ, तो वर्तमान महापौर हेमा देशमुख को इस मामले का खुलासा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों महापौरों को जनता के सामने जवाब देना होगा, क्योंकि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में जनता इन सवालों के जवाब मांगेगी।बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा
भाजपा के दावों पर सवाल
ओस्तवाल ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विशेष रूप से पूर्व महापौर मधुसूदन यादव से अपील की कि वे 30 सितंबर 2024 को होने वाली सामान्य सभा में बुढ़ासागर घोटाले का खुलासा करें और अपनी कर्तव्यनिष्ठा जनता के सामने साबित करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं द्वारा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों का भी जिक्र किया और कहा कि इस मामले में कार्रवाई न होने पर जनता को यह समझ आ जाएगा कि दोनों महापौर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा
जनता की अदालत में फैसला होगा
ओस्तवाल ने चेतावनी दी कि यदि बुढ़ासागर घोटाले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो आगामी चुनावों में महापौर हेमा देशमुख और मधुसूदन यादव को जनता के सामने जवाब देना पड़ेगा। बुढ़ासागर घोटाले में 16 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा









