संत रामपाल महाराज द्वारा दहेज मुक्त विवाह: शास्त्र विधि के अनुसार
भिलाई, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के रिसाली भिलाई नामदान केंद्र में संत रामपाल महाराज द्वारा दहेज मुक्त विवाह का आयोजन किया गया। इस अध्यात्मिक विवाह में भगतमती प्रीति दासी और भगत प्रद्युमन दास, भगतमती ओमेसवरी दासी और भगत विनय दास के विवाह संपन्न हुए। सैकड़ों श्रद्धालु इस विशेष आयोजन में उपस्थित थे।
नशामुक्त और शांतिपूर्ण आयोजन
विशाल शादी समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं में न कोई नशीला पदार्थ था, न कोई बीड़ी-सिगरेट या गुटखा। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने शांतिपूर्ण ढंग से बैठकर गुरु वचन की अमृत वर्षा का लाभ उठाया। संत रामपाल महाराज समाज में फैली बुराइयों जैसे नशा, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रूण हत्या, और दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए सत्संग के माध्यम से जागरूकता फैला रहे हैं।
संत रामपाल महाराज का विशेष सत्संग
संत रामपाल महाराज ने अपने शिष्यों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, दुर्गा और गणेश के मंत्रों का उच्चारण करवाया। श्रद्धालुओं को भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया गया। इस एक दिवसीय विशाल कार्यक्रम में निशुल्क नामदान की व्यवस्था भी रखी गई थी, जहां श्रद्धालु संत रामपाल महाराज से निशुल्क नाम लेते हुए देखे गए।
सेवाओं में संलग्न सेवादार
प्रदेश सेवादार भगत दुष्यंत दास, भगत पंकज दास और अन्य जिला सेवादारों ने संत रामपाल महाराज के मंगल प्रवचनों पर अमल करते हुए अपनी सेवाएं प्रदान कीं। संत रामपाल महाराज के अनुसार, उनके प्रवचनों को मानने के बाद मनुष्य को अपने जन्म का वास्तविक ज्ञान प्राप्त होता है।
समाज में सकारात्मक बदलाव
संत रामपाल महाराज के तत्वज्ञान और उनके द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। उनके सत्संग से लोग सभी बुराइयों से दूर होकर सच्ची भक्ति की ओर अग्रसर हो रहे हैं। संत रामपाल महाराज का यह प्रयास समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने और लोगों को सही मार्ग दिखाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस तरह के आयोजन और संत रामपाल महाराज के सत्संग समाज में एक नई दिशा और ऊर्जा का संचार कर रहे हैं, जो समाज के लिए अत्यंत लाभकारी है।