बस्तर

बस्तर कोर्ट में जजों से टकराव: वकीलों ने किया दो कोर्ट का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

वकीलों ने किया दो कोर्ट का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी, बस्तर जिला अदालत में सोमवार को उस वक्त गहमागहमी का माहौल बन गया, जब दो न्यायाधीशों के कथित अनुचित व्यवहार के खिलाफ जिला अधिवक्ता संघ ने एक सप्ताह के लिए न्यायिक कार्यवाही का बहिष्कार शुरू कर दिया। इस आंदोलन के कारण पहले ही दिन 30 से अधिक मामलों की सुनवाई टल गई, जिससे न्याय की आस में अदालत पहुंचे पक्षकारों को भारी निराशा और असुविधा का सामना करना पड़ा।

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क्या है पूरा मामला?

जिला अधिवक्ता संघ ने दो जजों पर वकीलों के साथ अनुचित और अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि यह व्यवहार वकीलों के सम्मान और कार्यस्थल की गरिमा के खिलाफ है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी के विरोध में संघ ने 11 अगस्त से 18 अगस्त तक दोनों न्यायाधीशों की कोर्ट का बहिष्कार करने का फैसला किया है।वकीलों ने किया दो कोर्ट का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अरुण दास ने एक कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “हमने प्रशासन को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। यदि इस अवधि के भीतर दोनों न्यायाधीशों का स्थानांतरण नहीं किया गया, तो हम जिले की सभी अदालतों में अनिश्चितकालीन बहिष्कार शुरू करने के लिए मजबूर होंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई वकीलों के आत्मसम्मान की है और पूरा अधिवक्ता समुदाय इस मुद्दे पर एकजुट है।वकीलों ने किया दो कोर्ट का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

पक्षकारों पर पड़ा सीधा असर

वकीलों के इस बहिष्कार का सबसे ज्यादा असर आम लोगों पर पड़ा। सोमवार को परिवार न्यायालय, सिविल कोर्ट और क्रिमिनल कोर्ट के कई महत्वपूर्ण मामले प्रभावित हुए। कई पक्षकार दूर-दराज के इलाकों से सुनवाई के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए जहां पक्षकारों को अदालत से राहत तो मिल गई थी, लेकिन वकीलों के बहिष्कार के कारण वे आदेश की प्रति प्राप्त नहीं कर सके।वकीलों ने किया दो कोर्ट का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

“न्याय बाधित करना उद्देश्य नहीं”

अधिवक्ता संघ ने यह भी साफ किया है कि उनके इस आंदोलन का उद्देश्य न्याय व्यवस्था को बाधित करना नहीं है, बल्कि वे केवल कार्यस्थल पर एक सम्मानजनक और सौहार्दपूर्ण माहौल सुनिश्चित करना चाहते हैं। सोमवार दोपहर को इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत का एक दौर भी चला, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। इसके बाद, संघ ने अपने बहिष्कार के निर्णय को यथावत रखने की घोषणा की। अब सभी की निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।वकीलों ने किया दो कोर्ट का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

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