पर्यटन स्थल

छत्तीसगढ़ का ‘हिडन जेम’ रानी झिरिया वॉटरफॉल: जहां खूबसूरती और खतरा साथ-साथ चलते हैं

कोरबा : छत्तीसगढ़ का ‘हिडन जेम’ रानी झिरिया वॉटरफॉल: जहां खूबसूरती और खतरा साथ-साथ चलते हैं, छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने अनमोल खजानों से नवाजा है, और ऐसा ही एक छिपा हुआ रत्न है कोरबा जिले का ‘रानी झिरिया वॉटरफॉल’। मानसून के मौसम में जब यह झरना अपने पूरे शबाब पर होता है, तो इसकी खूबसूरती किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकती है। चारों ओर घनी हरियाली, ऊंची पहाड़ियों से गिरता दूधिया पानी और चट्टानों से टकराकर बहती जलधारा एक ऐसा नजारा पेश करती है, जो किसी जन्नत से कम नहीं लगता। लेकिन इस स्वर्ग तक पहुंचने का रास्ता कांटों भरा है।

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रोमांच और जोखिम से भरा सफर

रानी झिरिया वॉटरफॉल की खूबसूरती को अपनी आंखों में कैद करना आसान नहीं है। यहां तक पहुंचने के लिए अजगरबहार के मुख्य मार्ग से लगभग 4 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। यह कोई बना-बनाया रास्ता नहीं, बल्कि पहाड़ियों, पथरीली जमीन और नदी के किनारे से होकर गुजरने वाली एक चुनौतीपूर्ण पगडंडी है। कई जगहों पर फिसलन भरी चट्टानों और नुकीले पत्थरों के बीच से गुजरना पड़ता है, जो इस सफर को बेहद जोखिम भरा बना देता है, खासकर यदि आप परिवार, बच्चों या महिलाओं के साथ हैं। छत्तीसगढ़ का ‘हिडन जेम’ रानी झिरिया वॉटरफॉल

सारी थकान भुला देता है मनमोहक दृश्य

कठिन ट्रैकिंग के बाद जब पर्यटक रानी झिरिया पहुंचते हैं, तो सामने का दृश्य उनकी सारी थकान पल भर में दूर कर देता है। ऊंचाई से गिरते झरने का वेग और उसकी मधुर ध्वनि एक शांत और सुकून भरा माहौल बनाती है। मानसून में पानी का बहाव तेज होने से इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। यही वजह है कि हाल के कुछ वर्षों में इस ‘हिडन जेम’ को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। छत्तीसगढ़ का ‘हिडन जेम’ रानी झिरिया वॉटरफॉल

बढ़ती भीड़ और गंदगी की समस्या

हालांकि, पर्यटकों की बढ़ती संख्या अपने साथ एक बड़ी समस्या भी लेकर आई है – गंदगी। लोग अपने साथ लाए खाने-पीने के पैकेट, प्लास्टिक की बोतलें और अन्य कचरा यहीं प्रकृति की गोद में छोड़कर चले जाते हैं। इस लापरवाही के कारण न केवल इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि यह आने वाले अन्य सैलानियों के अनुभव को भी खराब कर रहा है। छत्तीसगढ़ का ‘हिडन जेम’ रानी झिरिया वॉटरफॉल

यह पूरा इलाका वन विभाग के अधीन आता है, लेकिन यहां सफाई या भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नजर नहीं आती। अगर प्रशासन इस दिशा में ध्यान दे, यहां तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ते बनाए और साफ-सफाई का उचित प्रबंधन करे, तो रानी झिरिया वॉटरफॉल निस्संदेह छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन सकता है। छत्तीसगढ़ का ‘हिडन जेम’ रानी झिरिया वॉटरफॉल

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