
छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी का जाल: कहीं खुफिया अफसर तो कहीं मौलवी बन ठगों ने लगाया चूना
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छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन धोखाधड़ी और ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जिससे सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। हाल ही में धरसीवां और बलौदाबाजार से ऐसे ही दो मामले सामने आए हैं, जहां ठगों ने अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपनी जाल में फंसाया।छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी का जाल
धरसीवां: खुफिया विभाग का अधिकारी बन ठगी
रायपुर जिले के धरसीवां थाना क्षेत्र में, शातिर ठगों ने एक वाहन चालक, मोहर दास बंजारे को अपना निशाना बनाया।
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फर्जी पहचान: आरोपियों ने खुद को खुफिया विभाग का वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए मोहर दास को डराया-धमकाया।
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खाते में रकम जमा कराई: दबाव बनाकर उनसे 39,000 रुपये एक दिल्ली स्थित बैंक खाते में जमा करवा लिए।
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पुलिस की कार्रवाई: पीड़ित को जब अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस फिलहाल आरोपियों की तलाश में जुटी है और मामले की गहन जांच कर रही है।
यह घटना दर्शाती है कि कैसे अपराधी सरकारी अधिकारियों के नाम का दुरुपयोग कर आम नागरिकों में भय पैदा करके उन्हें ठगते हैं।छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी का जाल
बलौदाबाजार: भरोसे का सौदागर निकला मौलवी
बलौदाबाजार जिले के सिटी कोतवाली क्षेत्र से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां आस्था और भरोसे को तार-तार कर दिया गया।छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी का जाल
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विश्वास का हनन: यहां मिर्जा जलील बेग नामक एक 40 वर्षीय मौलवी पर कई लोगों से लाखों रुपये ठगने का आरोप है। आरोपी मौलवी, जिसे लोग अपना गुरु मानते थे और जिस पर आँख बंद करके विश्वास करते थे, उसने उनकी भावनाओं का फायदा उठाया।
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ठगी के बहाने: पीड़ित ग्रामीणों जैसे अरमान मोहम्मद ने बताया कि मौलवी ने विभिन्न बहाने बनाकर पैसे ऐंठे:
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माता-पिता या बेटी की गंभीर बीमारी का हवाला दिया।
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ट्रैक्टर की किश्त या होम लोन चुकाने की मजबूरी बताई।
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चुनाव लड़ने के नाम पर भी आर्थिक सहयोग मांगा।
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परिणाम: भोले-भाले ग्रामीणों ने अपने ‘गुरु’ की मदद के लिए अपनी जमा-पूंजी, जेवर गिरवी रखकर या उधार लेकर पैसे दिए, लेकिन जब पैसे लौटाने की बात आई तो मौलवी मुकर गया। इस धोखे ने लोगों को न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी तोड़ दिया है।
पुलिस की जांच और जनता से अपील
इन दोनों ही मामलों में पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश की जा रही है। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि ठग किस प्रकार भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। कभी वे सरकारी अधिकारी बनकर डराते हैं, तो कभी धार्मिक भावनाओं या व्यक्तिगत संबंधों का दुरुपयोग करते हैं।छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी का जाल
पुलिस और प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि:
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किसी भी अनजान व्यक्ति पर आसानी से भरोसा न करें।
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किसी भी फोन कॉल, संदेश या व्यक्ति द्वारा पैसे मांगे जाने पर पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
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बैंक खाता विवरण, ओटीपी या अन्य व्यक्तिगत जानकारी किसी से साझा न करें।
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किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।









