दंतेवाड़ा

दंतेवाड़ा में नक्सलवाद को बड़ा झटका: 8 लाख की इनामी कमांडर चंद्रना समेत 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर, ‘लोन वर्राटू’ का आंकड़ा 1000 पार

दंतेवाड़ा में नक्सलवाद को बड़ा झटका: 8 लाख की इनामी कमांडर चंद्रना समेत 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर, ‘लोन वर्राटू’ का आंकड़ा 1000 पार

दंतेवाड़ा: 8 लाख की इनामी कमांडर चंद्रना समेत 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर,  छत्तीसगढ़ के बस्तर में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। दंतेवाड़ा पुलिस के प्रसिद्ध ‘लोन वर्राटू’ (घर वापसी) अभियान से प्रभावित होकर 12 हार्डकोर नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। सरेंडर करने वालों में 8 लाख रुपये की इनामी महिला कमांडर चंद्रना भी शामिल है, जिसका आत्मसमर्पण संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

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इस बड़ी सफलता के साथ ही ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों की संख्या 1000 का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर 1005 तक पहुंच गई है।8 लाख की इनामी कमांडर चंद्रना समेत 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर

कौन है 8 लाख की इनामी कमांडर चंद्रना?

सरेंडर करने वाले 12 नक्सलियों में सबसे बड़ा नाम चंद्रना का है।

  • बड़ी जिम्मेदारी: चंद्रना नक्सल संगठन में एक महत्वपूर्ण पद पर थी और कई बड़ी हिंसक वारदातों की योजना और क्रियान्वयन में शामिल रही है।

  • 8 लाख का इनाम: उसके सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जो यह बताता है कि वह सुरक्षाबलों के लिए कितनी बड़ी टारगेट थी।

  • महिला विंग को झटका: चंद्रना के साथ 3 अन्य महिला नक्सलियों ने भी सरेंडर किया है। एक साथ 4 महिला कैडरों का मुख्यधारा में लौटना नक्सली संगठनों की महिला विंग को कमजोर करेगा।

‘घर वापसी’ अभियान का बजा डंका, 1000 का आंकड़ा पार

दंतेवाड़ा के एसपी गौरव रॉय के सामने इन सभी 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। ‘लोन वर्राटू’ अभियान की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि:

  • कुल सरेंडर: अब तक 1005 नक्सली इस अभियान के तहत हिंसा छोड़ चुके हैं।

  • इनामी नक्सली: इनमें 205 ऐसे नक्सली हैं, जिन पर सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था।

  • क्या है अभियान: ‘लोन वर्राटू’ का स्थानीय गोंडी भाषा में अर्थ है ‘घर वापस आइए’। इस अभियान के तहत पुलिस गांवों में उन नक्सलियों के पोस्टर लगाती है जो मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं और उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करती है।

तोड़-फोड़ और हिंसा से तौबा, अब मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

सरेंडर करने वाले ये सभी नक्सली संगठन में रहते हुए सड़क खोदने, पेड़ काटकर रास्ते बंद करने, नक्सली बैनर-पोस्टर लगाने और सुरक्षाबलों के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल थे। अब आत्मसमर्पण के बाद, इन सभी को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत समाज में फिर से स्थापित होने का मौका मिलेगा। उन्हें आर्थिक सहायता के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा ताकि वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकें।8 लाख की इनामी कमांडर चंद्रना समेत 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर

यह सफलता सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और सरकार की विकास और विश्वास की नीति की एक बड़ी जीत है, जो बस्तर में नक्सलवाद की कमर तोड़ रही है।8 लाख की इनामी कमांडर चंद्रना समेत 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर

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