आपातकाल का ‘काला सच’: “सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान” – बस्तर सांसद का कांग्रेस पर बड़ा हमला

आपातकाल का ‘काला सच’: “सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान” – बस्तर सांसद का कांग्रेस पर बड़ा हमला
आपातकाल की 50वीं बरसी पर, भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्याय की यादें एक बार फिर ताजा हो गई हैं। इसी कड़ी में, बस्तर के सांसद महेश कश्यप ने बीजापुर में एक प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि 1975 में आपातकाल देश की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि एक प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने के लिए लगाया गया था।सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान”
क्यों लगा था आपातकाल? सत्ता का लालच या देशहित?
सांसद महेश कश्यप ने तथ्यों को सामने रखते हुए कहा, “25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ का बहाना बनाकर देश पर आपातकाल थोप दिया था। लेकिन सच्चाई यह नहीं थी।”सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उनके चुनाव को भ्रष्ट आचरण के आधार पर रद्द किए जाने के बाद अपनी कुर्सी बचाने की हताशा में लिया गया था।सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान”
लोकतंत्र की हत्या: जब मौलिक अधिकारों को रौंदा गया
महेश कश्यप ने उस दौर को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में लोकतंत्र की हर संस्था को कुचल दिया:
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प्रेस की आजादी: अखबारों पर सेंसरशिप लगा दी गई।
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न्यायपालिका की निष्पक्षता: न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया।
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नागरिकों के अधिकार: आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को पूरी तरह से रौंद दिया गया।
उन्होंने कहा, “यह घटना साबित करती है कि जब-जब कांग्रेस की सत्ता संकट में आती है, तो वह संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से भी नहीं हिचकती।”
अतीत से वर्तमान तक: ‘कांग्रेस की तानाशाही नियत नहीं बदली’
सांसद कश्यप ने इस मुद्दे को वर्तमान राजनीति से जोड़ते हुए कहा, “आज 50 साल बाद भी कांग्रेस की मानसिकता नहीं बदली है। आज भी उनकी नियत वैसी ही तानाशाही वाली है, बस तरीके बदल गए हैं।”सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान”
उस दौर का भारत: आंदोलन, हड़ताल और असंतोष
उन्होंने उस समय की पृष्ठभूमि को याद दिलाते हुए बताया कि देश पहले से ही आर्थिक बदहाली, महंगाई और खाद्यान्न संकट से जूझ रहा था। बिहार और गुजरात में छात्रों के नेतृत्व में ‘नवनिर्माण आंदोलन’ खड़ा हो चुका था और जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में हुई ऐतिहासिक रेल हड़ताल ने पूरे देश को हिला दिया था। इन आंदोलनों को कुचलने के लिए ही आपातकाल का सहारा लिया गया।सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान”
इस प्रेस वार्ता के दौरान सांसद के साथ भाजपा के कई वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।सत्ता बचाने को इंदिरा गांधी ने कुचला था संविधान”









