Korba health news: 2 पैथोलॉजी लैब को नोटिस, विशेषज्ञ की एक ही समय में दो जगह उपस्थिति पर सवाल
कोरबा: जिले में पैथोलॉजी लैब के संचालन को लेकर आवश्यक मापदंड का पालन हो रहा है या नहीं, इसका समय-समय पर परीक्षण नहीं होने के कारण कई लोग बिना तकनीशियन के ही लैब का संचालन कर रहे हैं। कई पैथोलैब में तकनीशियन की कमी और एक ही विशेषज्ञ की उपस्थिति दो स्थानों पर होने से संबंधित सवाल उठ रहे हैं।
पैथोलॉजी लैब की अनियमितताएँ
जिले में कई पैथोलॉजी लैब के फ्रेंचाइजी (कलेक्शन सेंटर) पैरामेडिकल स्टाफ के सहारे काम चला रहे हैं, जबकि नियमत: एमबीबीएस, एमडी पैथोलॉजिस्ट के द्वारा ही पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जाना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने इस पर संज्ञान लेते हुए 2 पैथोलॉजी लैब को नोटिस जारी कर वांछित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
कटघोरा का मामला
कटघोरा में एक मामला सामने आया है जहां एमबीबीएस, डीसीपी (पैथोलॉजिस्ट) डॉ. दिग्विजय सिंह की दो जगहों पर एक ही समय में उपस्थिति दर्शाई गई है। डॉ. दिग्विजय सिंह रामकृष्ण हॉस्पिटल मल्टीस्पेशिलिटी एवं प्रसूति गृह बिलासपुर गांधी चौक में पदस्थ हैं। वहीं, कटघोरा के बालाजी डायग्नोस्टिक सेंटर में भी उनके नाम से सैंपल जांच और रिपोर्ट जारी की जा रही है, जो कि संदिग्ध है।
संदेहास्पद गतिविधियाँ
डॉ. दिग्विजय सिंह के नाम से कटघोरा के बालाजी डायग्नोस्टिक सेंटर में 25 जुलाई 2024 को एक मरीज का ब्लड सैंपल रजिस्टर्ड होता है, सैंपल रिसिव्ड होता है और रिपोर्ट जारी की जाती है। इसी समय पर डॉ. सिंह बिलासपुर में भी रिपोर्ट जारी कर रहे थे। यह कैसे संभव है कि कटघोरा से सैंपल 2 घंटे के भीतर बिलासपुर जाकर जांच हो और फिर वापस कटघोरा आकर रिपोर्ट जारी हो जाए? यह संदेह पैदा करता है कि कलेक्शन सेंटर में बिना तकनीशियन के सैंपल जांच हो रही है।
बांकीमोंगरा का मामला
बांकीमोंगरा क्षेत्र में आस्था पैथोलॉजी लैब का संचालन बिना अनुमति के हो रहा है। शिकायत के अनुसार, लैब संचालन के लिए अनुमति हेतु ऑनलाइन आवेदन किया गया है जो अभी प्रक्रिया में है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, लैब जांच-पड़ताल करते हुए रिपोर्ट भी जारी कर रहा है।
सीएमएचओ का नोटिस
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केशरी ने बताया कि बालाजी डायग्नोस्टिक सेंटर कटघोरा और आस्था पैथोलॉजी लैब बांकीमोंगरा के संचालक को अलग-अलग नोटिस जारी की गई है। नोटिस में कहा गया है कि उनके आवेदन में प्रस्तुत पैथोलॉजिस्ट उनकी संस्था में सेवा नहीं दे रहे हैं। अत: उक्त संबंध में संस्था में कार्यरत पैथोलॉजिस्ट का नाम, सेवा देने संबंधी 20 रुपए के स्टाम्प में शपथ पत्र और सेवा देने संबंधी जानकारी सीएमएचओ कार्यालय में प्रस्तुत करें। अन्यथा, नर्सिंग होम एक्ट के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
निष्कर्ष
जिले में पैथोलॉजी लैब की अनियमितताएं और विशेषज्ञों की दो जगहों पर उपस्थिति पर सवाल उठने के बाद सीएमएचओ द्वारा की गई कार्रवाई से उम्मीद है कि इस तरह की समस्याओं पर रोक लगेगी और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।