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नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रायपुर के स्पेशल कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

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क्या है नान घोटाला?

नान घोटाला छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से जुड़े बड़े वित्तीय अनियमितताओं का मामला है।

  • मुख्य आरोप: गवाहों को प्रभावित करना और जांच प्रक्रिया में बाधा डालना।
  • प्रमुख आरोपी: सतीश चंद्र वर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला।
  • प्रभाव का दुरुपयोग: आरोप है कि इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सबूतों में हेरफेर करने की कोशिश की। नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

अदालत का फैसला

विशेष अदालत (ADJ) की न्यायाधीश निधि वर्मा ने सुनवाई के बाद यह कहते हुए अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी:

  1. आरोपों की गंभीरता: अभियुक्तों पर लगे आरोप गंभीर हैं और जांच के लिए उनका हिरासत में रहना जरूरी है।
  2. गवाहों पर प्रभाव: आरोप है कि आरोपी ने गवाहों को डराने और प्रभावित करने का प्रयास किया।
  3. संवेदनशील मामला: अदालत ने इसे भ्रष्टाचार और प्रशासनिक धांधली का संवेदनशील मामला माना। नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

EOW और ED की जांच

  • 2015 में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने नान घोटाले का मामला दर्ज किया।
  • 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
  • 4 नवंबर 2024 को EOW ने तीनों आरोपियों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की।
  • आरोप है कि इन अधिकारियों ने विभागीय दस्तावेजों में बदलाव कर अदालत में अपने पक्ष को मजबूत बनाने की कोशिश की। नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
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आरोपियों पर धाराएं

  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018: धारा 7, 7क, 8 और 13(2)।
  • भारतीय दंड संहिता (IPC): धारा 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए और 120बी। नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

मामले का अगला कदम

  • अब EOW जांच को तेज करते हुए अन्य आरोपियों और दस्तावेजों की गहन जांच करेगी।
  • अदालत के इस फैसले से अन्य संदिग्धों पर भी दबाव बढ़ सकता है।
  • राज्य सरकार और जांच एजेंसियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि मामले में निष्पक्ष कार्रवाई हो।

मुख्य बिंदु

  1. पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की जमानत याचिका खारिज।
  2. नान घोटाले में गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों में हेरफेर का आरोप।
  3. 2015 में दर्ज मामले में अब नई एफआईआर दर्ज कर जांच तेज।
  4. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज।
  5. अदालत का फैसला घोटाले में न्यायिक प्रक्रिया को और मजबूत करेगा।

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