आंगनबाड़ी में मासूम की मौत पर हाईकोर्ट का चाबुक, कलेक्टर से पूछा- मुआवजा कब दोगे? 5 सवालों पर मांगा जवाब

मुख्य बिंदु:
-
बिलासपुर आंगनबाड़ी में लापरवाही से हुई 3 साल की बच्ची की मौत का मामला।
-
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर लगाई कलेक्टर को फटकार।
-
पूछा- जिम्मेदार कौन, दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई और मुआवजा कब मिलेगा?
-
आंगनबाड़ी केंद्रों की सुरक्षा पर भी उठाए कड़े सवाल।
बिलासपुर: आंगनबाड़ी में मासूम की मौत पर हाईकोर्ट का चाबुक, कलेक्टर से पूछा- मुआवजा कब दोगे? बिलासपुर के एक आंगनबाड़ी केंद्र में लापरवाही के कारण हुई तीन साल की मासूम बच्ची की मौत पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। इस हृदय विदारक घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सरगुजा कलेक्टर को फटकार लगाई है और कई तीखे सवालों के साथ व्यक्तिगत शपथपत्र (Affidavit) दाखिल करने का निर्देश दिया है।
क्या है पूरा मामला? आंगनबाड़ी में लापरवाही ने ली मासूम की जान
यह दर्दनाक घटना बिलासपुर के तालापारा स्थित एक आंगनबाड़ी केंद्र की है। यहां अवैध रूप से रखे गए डीजे के भारी-भरकम सामान के साथ रखा एक लोहे का पाइप 3 साल की मासूम मुस्कान के ऊपर गिर गया। इस हादसे में बच्ची के सिर पर गंभीर चोटें आईं। उसे पहले जिला अस्पताल और फिर सिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। यह घटना आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।आंगनबाड़ी में मासूम की मौत पर हाईकोर्ट का चाबुक, कलेक्टर से पूछा- मुआवजा कब दोगे?
हाईकोर्ट की फटकार और कलेक्टर को निर्देश
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में अधिकारियों के ढीले रवैये पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने कलेक्टर को व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल कर कई कड़े सवालों का जवाब देने का निर्देश दिया है:
-
घटना के बाद क्या कदम उठाए गए?
-
इस लापरवाही के लिए किन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हुई?
-
दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है?
-
पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया गया या नहीं? अगर नहीं, तो कब तक दिया जाएगा?
-
भविष्य में आंगनबाड़ी केंद्रों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस उपाय किए जा रहे हैं?
मामले को दबाने का भी लगा था आरोप
शुरुआत में यह भी आरोप लगे थे कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस ने इस गंभीर मामले को दबाने की कोशिश की थी। लेकिन जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर की चोट को मौत का कारण बताया गया, तब जाकर डीजे संचालक के खिलाफ FIR दर्ज की गई। सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी कि डीजे का सामान आंगनबाड़ी की एक कर्मचारी के रिश्तेदार का था और आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।आंगनबाड़ी में मासूम की मौत पर हाईकोर्ट का चाबुक, कलेक्टर से पूछा- मुआवजा कब दोगे?









