पाकिस्तान के पास युद्ध के लिए गोला-बारूद नहीं, भारत से टकराने की हालत में नहीं
आतंकवाद के साए में बढ़ा भारत-पाक तनाव
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है।
जहां भारत कड़ी कार्रवाई और चौकसी बरत रहा है, वहीं पाकिस्तान दुनिया को दिखाने के लिए मिसाइल परीक्षणों और सैन्य अभ्यासों का दिखावा कर रहा है। मगर हकीकत इसके बिल्कुल उलट है।पाकिस्तान के पास युद्ध के लिए गोला-बारूद नहीं
खुफिया रिपोर्ट का बड़ा खुलासा: पाकिस्तान चार दिन भी नहीं टिक सकता
एक ताजा खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सैन्य स्थिति बेहद कमजोर हो चुकी है।
“अगर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो पाकिस्तान केवल तीन से चार दिन तक ही लड़ने की क्षमता रखता है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के पास युद्ध के लिए आवश्यक गोला-बारूद की भारी कमी है।
यूक्रेन को हथियार बेच पाकिस्तान ने खोखली की अपनी सुरक्षा
पाकिस्तान ने हाल के महीनों में यूक्रेन को भारी मात्रा में गोला-बारूद निर्यात किया, जिसमें शामिल हैं:
- 42,000 बीएम-21 रॉकेट
- 60,000 से ज्यादा 155 एमएम हॉवित्जर शेल्स
- 1.3 लाख 122 एमएम रॉकेट
इस सौदे से पाकिस्तान ने लगभग 36.4 करोड़ डॉलर कमाए, जिसमें से 80% रकम सीधे रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी आर्मी हेडक्वार्टर को मिली।
परिणामस्वरूप पाकिस्तान की आंतरिक रक्षा क्षमता बुरी तरह से प्रभावित हो गई।पाकिस्तान के पास युद्ध के लिए गोला-बारूद नहीं
हथियार तो बेचे, पर अब खुद असुरक्षित
2023 में पाकिस्तान की हथियार निर्यात आय 1.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर 41.5 करोड़ डॉलर पहुंच गई, लेकिन इससे उसकी खुद की सेना गोला-बारूद और रणनीतिक संतुलन से वंचित हो गई है।
आज हालात ये हैं कि पाकिस्तान के पास न गोला-बारूद बचा है, न संयम, और न ही कूटनीतिक विश्वसनीयता।
आतंकवादियों के पास मिल रहे उन्नत नाटो हथिया
पहाड़ों और जंगलों में मुठभेड़ों के दौरान बरामद हुए हथियार इस बात की ओर इशारा करते हैं कि नाटो-स्तरीय हथियार अब आतंकवादियों के हाथ लग चुके हैं:
- M-Series राइफल
- स्नाइपर राइफल
- बुलेटप्रूफ जैकेट को भेदने वाली गोलियां
ये संकेत देते हैं कि आतंकी संगठन अंतरराष्ट्रीय समर्थन और तस्करी के जरिए हथियार जुटा रहे हैं।
पहलगाम हमले से पहले मिली थी चेतावनी
खुफिया एजेंसियों ने पहले ही इनपुट दिया था कि आतंकी पर्यटकों को निशाना बना सकते हैं।
इसके बाद श्रीनगर, दाचीगाम, निशात और जबरवान रेंज जैसे इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई थी और शीर्ष पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया।पाकिस्तान के पास युद्ध के लिए गोला-बारूद नहीं