सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: अपराधी नेता चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?

सरकारी नौकरी नहीं, तो राजनीति में एंट्री कैसे?
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी नेताओं के चुनाव लड़ने पर सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकारी नौकरी में दोषी व्यक्ति को सेवा से बाहर कर दिया जाता है, तो फिर वही व्यक्ति संसद में कैसे लौट सकता है?
अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी, भले ही केंद्र सरकार और चुनाव आयोग जवाब न भी दें, सुप्रीम कोर्ट मामले को आगे बढ़ाएगा। सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: अपराधी नेता चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?
कोर्ट ने उठाए अहम सवाल
- दोषी नेताओं पर केवल 6 साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी क्यों?
- अगर सरकारी कर्मचारियों को दोषी ठहराने पर जीवनभर का प्रतिबंध है, तो फिर नेता क्यों बचते हैं?
- क्या कानून तोड़ने वाले कानून बना सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: अपराधी नेता चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?
निचली अदालतों की धीमी सुनवाई पर भी चिंता
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने MP/MLA कोर्ट में मामलों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई।
- दिल्ली की निचली अदालतों में सिर्फ 1-2 मामलों की सुनवाई होती है, फिर जज चेंबर में चले जाते हैं।
- कई राज्यों में MP/MLA कोर्ट अब तक गठित नहीं हुई हैं।
- मामलों की सुनवाई बार-बार टाली जाती है, बिना किसी वजह के। सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: अपराधी नेता चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?
क्या चुनाव आयोग उठाएगा ठोस कदम?
एमिकस क्यूरे विजय हंसारिया ने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग को ऐसा नियम बनाना चाहिए, जिससे गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए व्यक्ति किसी भी राजनीतिक दल में पदाधिकारी न बन सकें। सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: अपराधी नेता चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट करेगा जनप्रतिनिधित्व कानून की जांच
- सुप्रीम कोर्ट जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 और 9 की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करेगा।
- भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने 2016 में जनहित याचिका दायर कर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: अपराधी नेता चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?
दोषी नेताओं पर आजीवन बैन की मांग, ये हैं प्रमुख बातें
✔️ 6 साल का बैन कम है, आजीवन प्रतिबंध जरूरी।
✔️ राजनीतिक दलों को बताना चाहिए कि वे स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार क्यों नहीं ला पा रहे हैं।
✔️ तेजी से सुनवाई हो, ताकि दोषियों को समय पर सजा मिले। सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: अपराधी नेता चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?









