इराक में लौटा ‘अंधकार युग’: 9 साल की उम्र में शादी को मिली कानूनी मंजूरी, दुनिया भर में आक्रोश

इराक में लौटा ‘अंधकार युग’: 9 साल की उम्र में शादी को मिली कानूनी मंजूरी, दुनिया भर में आक्रोश
मुख्य बातें:-
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इराक ने पारित किया शर्मनाक कानून, 9 साल की बच्चियों की शादी को दी कानूनी मान्यता।
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नया कानून धार्मिक गुरुओं को देगा शादी, तलाक और विरासत तय करने का अधिकार।
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यह फैसला 1950 के दशक से चले आ रहे बाल विवाह विरोधी कानून को पलटता है।
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अंतर्राष्ट्रीय संधियों और मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन, दुनिया भर में मानवाधिकार संगठनों ने जताई कड़ी आपत्ति।
बगदाद: इराक ने एक ऐसा शर्मनाक और क्रूर कानून पारित किया है, जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस नए कानून के तहत अब 9 साल की मासूम बच्चियों की शादी को भी कानूनी मान्यता दे दी गई है। इस फैसले ने न केवल इराक को दशकों पीछे धकेल दिया है, बल्कि मानवाधिकारों, विशेषकर महिलाओं और बच्चियों के अधिकारों पर एक क्रूर हमला किया है।9 साल की उम्र में शादी को मिली कानूनी मंजूरी
क्या है यह नया ‘क्रूर’ कानून? (What is this New ‘Cruel’ Law?)
इराक ने अपने व्यक्तिगत स्थिति कानून (Personal Status Law) में एक विनाशकारी संशोधन किया है। इसके प्रमुख बिंदु हैं:
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लड़कियों के लिए शादी की उम्र: कुछ धार्मिक व्याख्याओं के आधार पर लड़कियों की शादी की उम्र घटाकर 9 साल कर दी गई है।
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लड़कों के लिए शादी की उम्र: लड़कों के लिए भी कानूनी उम्र 18 से घटाकर 15 साल कर दी गई है।
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धार्मिक अधिकारियों को शक्ति: यह कानून शादी, तलाक, विरासत और बच्चों की कस्टडी जैसे पारिवारिक मामलों में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार धार्मिक गुरुओं को देता है, न कि सिविल अदालतों को।
यह कानून उस प्रगतिशील नियम को खत्म करता है जो 1950 के दशक से लागू था और 18 वर्ष से कम उम्र में शादी पर रोक लगाता था।9 साल की उम्र में शादी को मिली कानूनी मंजूरी
क्यों है यह कानून ‘बचपन की हत्या’? (Why is this Law the ‘Murder of Childhood’?)
बाल विवाह को कानूनी मान्यता देना किसी भी समाज के लिए खतरनाक है। यह बच्चियों के जीवन पर कहर बरपा सकता है:
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शिक्षा का अंत: कम उम्र में शादी होने पर लड़कियों को स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उनके आत्मनिर्भर बनने के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।
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स्वास्थ्य का खतरा: बाल विवाह से लड़कियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जान के खतरे का सामना करना पड़ता है।
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मानसिक प्रताड़ना: यह उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को तबाह कर देता है और उन्हें घरेलू शोषण के प्रति और भी संवेदनशील बना देता है।
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गरीबी का चक्र: शिक्षा और अवसरों की कमी उन्हें और उनके आने वाली पीढ़ियों को गरीबी के दुष्चक्र में फंसा देती है।
अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की उड़ाईं धज्जियां (Shredding International Laws)
यह नया कानून न केवल अमानवीय है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का भी खुला उल्लंघन है। इराक ने खुद उन संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं जो बाल विवाह पर रोक लगाती हैं, जैसे:
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CEDAW (महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर कन्वेंशन)
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CRC (बाल अधिकारों पर कन्वेंशन)
इस कानून को पारित करके, इराक अपने ही अंतरराष्ट्रीय वादों से मुकर रहा है और अपनी बच्चियों को बचाने की जिम्मेदारी से भाग रहा है।9 साल की उम्र में शादी को मिली कानूनी मंजूरी
दुनिया भर में उबाल, इराक में भी विरोध (Global Outrage, Protests in Iraq too)
इस काले कानून के खिलाफ दुनिया भर के मानवाधिकार समूहों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और यहां तक कि कई इराकी महिला सांसदों ने भी कड़ा विरोध जताया है। इसे लैंगिक समानता के खिलाफ एक वैश्विक प्रतिगामी कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह फैसला उन वैश्विक प्रयासों को भी कमजोर करता है जिनका लक्ष्य 2030 तक बाल विवाह जैसी हानिकारक प्रथाओं को खत्म करना है (संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 5)।9 साल की उम्र में शादी को मिली कानूनी मंजूरी
यह शर्मनाक कानून एक चेतावनी है कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए हासिल की गई प्रगति कितनी नाजुक है और इसे बचाने के लिए लगातार वैश्विक दबाव और जागरूकता की कितनी जरूरत है।9 साल की उम्र में शादी को मिली कानूनी मंजूरी









