नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन को लेकर पिछले कुछ समय से फैली आशंकाओं को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी ने खारिज कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में बताया कि वैक्सीनेशन और युवाओं की अचानक मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है। इसके विपरीत, कोरोना वैक्सीन लेने से ऐसी मौतों का खतरा कम हो जाता है। कोरोना वैक्सीन और अचानक मौतों का सच: संसद में ICMR की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
ICMR की रिसर्च में क्या आया सामने?
- रिसर्च अवधि: 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023
- पार्टिसिपेंट्स: 18-45 आयु वर्ग के 729 व्यक्ति जिनकी अचानक मृत्यु हुई और 2916 व्यक्ति जिन्हें हार्ट अटैक के बाद बचाया गया।
- निष्कर्ष:
- कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लेने से अचानक मृत्यु का खतरा घटता है।
- अचानक मौत के लिए जिम्मेदार फैक्टर्स में कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रहना, अत्यधिक शराब का सेवन, नशीली दवाओं का उपयोग, और अत्यधिक शारीरिक गतिविधि शामिल हैं। कोरोना वैक्सीन और अचानक मौतों का सच: संसद में ICMR की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
सरकार के कदम
- वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को मॉनिटर करने के लिए ‘एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन’ (AEFI) नामक सिस्टम बनाया गया है।
- टीकाकरण के बाद हर व्यक्ति को 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है।
- एनाफिलेक्सिस किट्स सभी वैक्सीनेशन सेंटर पर उपलब्ध हैं।
- साइड इफेक्ट्स की रिपोर्टिंग बढ़ाने के लिए राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना वैक्सीन और अचानक मौतों का सच: संसद में ICMR की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के कथित साइड इफेक्ट्स से संबंधित याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि ये याचिकाएं केवल सनसनी फैलाने के लिए थीं। कोरोना वैक्सीन और अचानक मौतों का सच: संसद में ICMR की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका का बयान
- एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश कोर्ट में माना कि दुर्लभ मामलों में उनकी वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) हो सकता है।
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जिसने भारत में कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन किया, ने कहा कि देश में ऐसा कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है। कोरोना वैक्सीन और अचानक मौतों का सच: संसद में ICMR की रिपोर्ट से हुआ खुलासा