रतनपुर: एनएच 45 के रतनपुर – माचवानी – केंदा – कारीआम सड़क चौड़ीकरण परियोजना में वन संरक्षण अधिनियम (FCA) 1980 का उल्लंघन किया जा रहा है। यह क्षेत्र बिलासपुर और मरवाही वनमंडल के अंतर्गत आता है, जहां ठेकेदारों द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है। ग्रामीणों और पर्यावरणविदों ने वन मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों की अवहेलना को लेकर विरोध जताया है। एनएच 45 चौड़ीकरण में FCA नियमों का उल्लंघन, पर्यावरण को खतरा!
ठेकेदारों पर नियमों को नजरअंदाज करने के आरोप
➡️ मंत्रालय ने सड़क के मोड़ों को आंशिक रूप से खत्म कर चौड़ीकरण की अनुमति दी थी, लेकिन ठेकेदार तय सीमा से अधिक खुदाई कर रहे हैं।
➡️ सड़क किनारे मौजूद मोटे और पतले पेड़ों को बिना रिकॉर्ड दर्ज किए JCB मशीनों से उखाड़ा जा रहा है।
➡️ नियमों के अनुसार, कार्य में लगी JCB, हाईवा और ट्रैक्टरों को जप्त किया जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। एनएच 45 चौड़ीकरण में FCA नियमों का उल्लंघन, पर्यावरण को खतरा!
ग्रामीणों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
📌 ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) से की है।
📌 उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
📌 ठेकेदारों की मनमानी से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी असंतुलित हो सकती है। एनएच 45 चौड़ीकरण में FCA नियमों का उल्लंघन, पर्यावरण को खतरा!
सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
✅ पर्यावरणविदों और ग्रामीणों ने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
✅ उन्होंने ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई और पर्यावरण संरक्षण नियमों के सख्त पालन की मांग की।
✅ ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन होगा। एनएच 45 चौड़ीकरण में FCA नियमों का उल्लंघन, पर्यावरण को खतरा!
विकास बनाम पर्यावरण संकट!
सड़क चौड़ीकरण जैसी परियोजनाएं जरूरी हैं, लेकिन पर्यावरण संरक्षण नियमों और स्थानीय समुदाय की भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाता है। एनएच 45 चौड़ीकरण में FCA नियमों का उल्लंघन, पर्यावरण को खतरा!