गरियाबंद

छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ की दर्दनाक कहानी: क्यों जिंदगी की जंग हार गई चैंपियन वेटलिफ्टर संध्या साहू?

छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ की दर्दनाक कहानी: क्यों जिंदगी की जंग हार गई चैंपियन वेटलिफ्टर संध्या साहू?

मुख्य बिंदु:

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  • छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ के नाम से मशहूर वेटलिफ्टर संध्या साहू ने की आत्महत्या।

  • गरियाबंद के छोटे से गांव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर बनाई थी पहचान।

  • संघर्षों और सीमित संसाधनों के बावजूद जीते थे कई मेडल।

  • संध्या के इस कदम से खेल जगत में शोक की लहर, हर कोई स्तब्ध।

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ की दर्दनाक कहानी, लोहे के भारी-भरकम वजन को खिलौनों की तरह उठाने वाली छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ जिंदगी के बोझ तले ऐसी दबी कि उसने हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं। गरियाबंद जिले की प्रतिभाशाली वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी संध्या साहू के आत्महत्या करने की खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। यह कहानी एक ऐसी चैंपियन की है, जिसने संघर्षों से सोना तो जीता, लेकिन अपनी निजी जिंदगी की जंग हार गई।

कौन थी ‘गोल्डन गर्ल’ संध्या साहू?

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छोटे से गांव छूरा की रहने वाली संध्या साहू राज्य की एक चमकती हुई खेल प्रतिभा थीं। लोग उन्हें प्यार और गर्व से “गोल्डन गर्ल” कहकर पुकारते थे। वेटलिफ्टिंग (भारोत्तोलन) के क्षेत्र में उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर बहुत कम समय में एक खास मुकाम हासिल कर लिया था।छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ की दर्दनाक कहानी

संघर्ष से ‘सोना’ जीतने तक का सफर

संध्या की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं थी। एक ग्रामीण और साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उनके सपनों की उड़ान बहुत ऊंची थी। सीमित संसाधनों और तमाम चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने वेटलिफ्टिंग को अपना जुनून बनाया। अपने खेल कौशल से उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं है। उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीतकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया था।छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ की दर्दनाक कहानी

एक चैंपियन का दर्दनाक अंत

अपनी उपलब्धियों से प्रदेश का नाम रोशन करने वाली इस बेटी ने कम उम्र में ही जिंदगी से हार मान ली। उनके आत्महत्या करने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर वो कौन सा दबाव या दर्द था, जिसे यह मजबूत खिलाड़ी बर्दाश्त नहीं कर सकी?छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ की दर्दनाक कहानी

खेल जगत में शोक की लहर

संध्या साहू के इस कदम ने न केवल उनके परिवार को तोड़ा है, बल्कि छत्तीसगढ़ के पूरे खेल जगत को एक गहरा सदमा दिया है। एक उभरती हुई प्रतिभा का इस तरह दुनिया से चले जाना खेल जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कहानी संघर्ष, सफलता और एक दर्दनाक अंत की एक ऐसी मिसाल बन गई है, जो हमेशा याद रखी जाएगी।छत्तीसगढ़ की ‘गोल्डन गर्ल’ की दर्दनाक कहानी

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