कोरबा में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त: एक माह में 200 मौतों के बाद राज्य सरकार से जवाब-तलब
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा – भारी वाहनों पर नियंत्रण और सड़क सुधार में लापरवाही जानलेवा, 29 अक्टूबर को अगली सुनवाई

बिलासपुर। कोरबा में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त: एक माह में 200 मौतों के बाद राज्य सरकार से जवाब-तलब. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य में बढ़ते सड़क हादसों पर गंभीर चिंता जताई है। कोरबा जिले में केवल एक माह में 200 लोगों की मौत की खबर सामने आने के बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और संबंधित विभागों से जवाब-तलब किया है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति ए.के. प्रसाद की द्वैतीय पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि लगातार हो रहे हादसों पर प्रशासनिक कार्रवाई न के बराबर है। अदालत ने स्पष्ट टिप्पणी की कि “भारी वाहनों पर नियंत्रण की कमी और सड़कों की खराब स्थिति आम जनता की जान के लिए खतरा बन चुकी है।”कोरबा में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त
कोर्ट कमिश्नर अपूर्व त्रिपाठी और रविंद्र शर्मा की रिपोर्ट में बताया गया कि जुलाई माह में ही कोरबा जिले में 200 लोगों की जान सड़क हादसों में गई। ट्रक और हाइवा जैसे भारी वाहन सड़क किनारे बेतरतीब खड़े रहते हैं, जिससे हादसे आम हो गए हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि एनएच-130 पर करीब तीन किलोमीटर लंबी ट्रक कतार की स्थिति बनी रहती है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है।कोरबा में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त
हाईकोर्ट ने उद्योग सचिव, आरटीओ कोरबा और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से शपथपत्र पर विस्तृत जवाब मांगा है। अदालत ने राख और कोयला परिवहन की निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।कोरबा में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त
इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने कहा था कि खराब सड़कों की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई की है। पीडब्ल्यूडी सचिव ने कोर्ट को बताया था कि अंबिकापुर–रामगढ़वा रोड (एनएच-343) के सुधार कार्य के लिए 740 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है, लेकिन बरसात के कारण काम फिलहाल रुका हुआ है।कोरबा में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त
गौरतलब है कि यह जनहित याचिका तब दर्ज हुई थी जब ब्रेक फेल होने से एक भीषण हादसे में 19 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से हाईकोर्ट राज्यभर की सड़कों की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। अदालत ने कहा है कि इस मामले की नियमित मॉनिटरिंग होगी।कोरबा में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त
अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।









