
2800 करोड़ का ‘बाइक बोट’ घोटाला: रायपुर पुलिस का बड़ा एक्शन, राजस्थान जेल से 3 मास्टरमाइंड गिरफ्तार
मुख्य बिंदु:
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देश के सबसे बड़े ‘बाइक बोट’ घोटाले में रायपुर पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई।
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राजस्थान की जेल में बंद 3 मुख्य आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाया गया।
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एक बाइक पर ₹62,100 का निवेश कराकर हर महीने ₹9,765 का लालच दिया गया था।
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पूरे देश में 1.5 लाख से ज्यादा लोगों से ₹2800 करोड़ की ठगी का अनुमान।
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घोटाले का मास्टरमाइंड संजय भाटी पेशे से केमिकल इंजीनियर है।
रायपुर:2800 करोड़ का ‘बाइक बोट’ घोटाला, रायपुर पुलिस ने देश के सबसे चर्चित और बड़े वित्तीय घोटालों में से एक ‘बाइक बोट स्कीम’ मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस 2800 करोड़ रुपये के घोटाले के तीन मुख्य आरोपियों को राजस्थान की भरतपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर रायपुर ले आई है। इन शातिर ठगों ने देशभर के लाखों लोगों को कम समय में अमीर बनाने का सपना दिखाकर अपनी ठगी का शिकार बनाया था।
क्या था 2800 करोड़ का यह ‘बाइक बोट’ घोटाला?

आरोपियों ने ‘गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड’ (GIPL) नाम की एक कंपनी बनाई और ओला-उबर की तर्ज पर ‘बाइक बोट’ नाम की एक स्कीम लॉन्च की। यह एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) या चेन सिस्टम पर आधारित थी।2800 करोड़ का ‘बाइक बोट’ घोटाला
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दिखाया यह सपना: लोगों को झांसा दिया गया कि वे कंपनी में एक बाइक के लिए ₹62,100 का निवेश करें। इस बाइक को कंपनी टैक्सी के रूप में चलाएगी।
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दिया यह लालच: बदले में हर निवेशक को प्रति बाइक हर महीने ₹9,765 (यानी सालाना ₹1 लाख से ज्यादा) का फिक्स्ड रिटर्न देने का वादा किया गया।
इस आकर्षक ऑफर के लालच में आकर देशभर के लगभग 1.5 लाख लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई इस स्कीम में लगा दी।2800 करोड़ का ‘बाइक बोट’ घोटाला
रायपुर पुलिस की गिरफ्त में कैसे आए आरोपी?

इस घोटाले का रायपुर कनेक्शन साल 2019 में सामने आया, जब बिरगांव निवासी पीड़ित अखिल कुमार बिसोई ने सिविल लाइन थाने में एक FIR दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि कंपनी के डायरेक्टर संजय भाटी और अन्य ने उनसे पैसे ठग लिए हैं।
इसी मामले की जांच करते हुए रायपुर पुलिस को पता चला कि मुख्य आरोपी राजस्थान की भरतपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसके बाद पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी कर तीनों को प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर ले आई।2800 करोड़ का ‘बाइक बोट’ घोटाला
गिरफ्तार किए गए आरोपी:
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संजय भाटी (51): घोटाले का मास्टरमाइंड, गौतमबुद्ध नगर, यूपी का निवासी।
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करणपाल सिंह (57): जिला मेरठ, यूपी का निवासी।
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राजेश भारद्वाज (58): जिला बुलंदशहर, यूपी का निवासी।
केमिकल इंजीनियर था घोटाले का मास्टरमाइंड
इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड संजय भाटी पेशे से एक केमिकल इंजीनियर है। उसने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए किया। उसने एक बड़ा नेटवर्क बनाया था, जिसमें करीब 12,000 कर्मचारी काम करते थे और 10,000 से ज्यादा बाइक टैक्सी चलाने का दावा किया जाता था।2800 करोड़ का ‘बाइक बोट’ घोटाला
देश भर में फैला था ठगी का जाल
यह घोटाला किसी एक शहर या राज्य तक सीमित नहीं था। आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 150, राजस्थान में 50, मध्य प्रदेश में 6 समेत गुजरात, तेलंगाना, हरियाणा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों में सैकड़ों मामले दर्ज हैं। अकेले संजय भाटी के खिलाफ चेक बाउंस के 1500 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर रहा है और आरोपियों की कई संपत्तियों को अटैच कर चुका है।2800 करोड़ का ‘बाइक बोट’ घोटाला









