बिलासपुर में MBBS सीट के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा: 3 छात्राओं ने फर्जी EWS सर्टिफिकेट का किया इस्तेमाल, जांच शुरू!

बिलासपुर: बिलासपुर में MBBS सीट के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा: 3 छात्राओं ने फर्जी EWS सर्टिफिकेट का किया इस्तेमाल, जांच शुरू! मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (UG) में सफलता प्राप्त कर MBBS सीट हासिल करने वाली तीन छात्राओं के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। इन छात्राओं पर फर्जी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS) सर्टिफिकेट का उपयोग कर प्रवेश पाने का आरोप लगा है, जिससे पूरे शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है।
EWS सर्टिफिकेट में मिली बड़ी गड़बड़ी
यह मामला तब सामने आया जब चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने सीट अलॉटमेंट के बाद छात्रों के दस्तावेज़ सत्यापन के लिए तहसील कार्यालयों में सूची भेजी। बिलासपुर तहसील में हुई जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अधिकारियों ने पाया कि इन तीन छात्राओं के नाम पर तहसील में EWS सर्टिफिकेट के लिए न तो कोई आवेदन दर्ज किया गया था और न ही कोई प्रकरण बनाया गया था, फिर भी उनके नाम से फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए थे।बिलासपुर में MBBS सीट के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा: 3 छात्राओं ने फर्जी EWS सर्टिफिकेट का किया इस्तेमाल, जांच शुरू!
फर्जीवाड़े में शामिल छात्राओं के नाम
जानकारी के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में बिलासपुर शहर की तीन छात्राएं शामिल हैं:
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श्रेयांशी गुप्ता, पिता सुनील गुप्ता, सरकंडा निवासी।
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सुहानी सिंह, पिता सुधीर कुमार सिंह, सीपत रोड लिंगियाडीह निवासी।
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भाव्या मिश्रा, पिता सूरज कुमार मिश्रा, सरकंडा निवासी।
एसडीएम का बयान और आगे की कार्रवाई
बिलासपुर के एसडीएम मनीष साहू ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कार्यालय से सत्यापन के लिए भेजी गई सूची की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि तीनों छात्राओं के नाम पर तहसील से कोई भी EWS प्रमाणपत्र जारी नहीं हुआ है। एसडीएम ने इसे एक गंभीर फर्जीवाड़ा बताते हुए कहा है कि इस मामले में आगे कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।बिलासपुर में MBBS सीट के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा: 3 छात्राओं ने फर्जी EWS सर्टिफिकेट का किया इस्तेमाल, जांच शुरू!
मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता पर सवाल
इस घटना ने मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रमाण पत्रों के सत्यापन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और शिक्षा विभाग अब इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाए जा सकें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। यह देखना होगा कि इस मामले में और कितने लोग शामिल हैं और इसका क्या अंजाम होता है।बिलासपुर में MBBS सीट के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा: 3 छात्राओं ने फर्जी EWS सर्टिफिकेट का किया इस्तेमाल, जांच शुरू!









