गौरेला: नशीले इंजेक्शन की तस्करी का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस और साइबर सेल की बड़ी कार्रवाई
गौरेला: गौरेला पुलिस और साइबर सेल जीपीएम ने अवैध नशीले इंजेक्शन की तस्करी का खुलासा करते हुए चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 20 नग ब्यूप्रेनोर्फिन और 20 नग एविल इंजेक्शन बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 21, 22(सी) और 29 के तहत केस दर्ज कर लिया है। गौरेला: नशीले इंजेक्शन की तस्करी का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार
कहां और कैसे हुई गिरफ्तारी?
? 26 मार्च 2025 की रात पुलिस टीम पुराना गौरेला अंडर ब्रिज के पास वाहन चेकिंग कर रही थी।
? टीवीएस अपाचे बाइक पर सवार तीन युवकों को रोका गया।
? तलाशी लेने पर उनके पास से नशीले इंजेक्शन बरामद हुए।
? तस्करी से जुड़े मुख्य सप्लायर सलमान खान को भी पुलिस ने दबोच लिया। गौरेला: नशीले इंजेक्शन की तस्करी का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार
कौन-कौन हुए गिरफ्तार?
1️⃣ अतुल साहू
2️⃣ मनीष मसीह उर्फ मोनू
3️⃣ लक्ष्मण सारथी उर्फ करिया
4️⃣ सलमान खान (मुख्य सप्लायर, मनेन्द्रगढ़ निवासी)
पुलिस की जांच में बड़े खुलासे
✔️ सलमान खान पहले भी 2021 में एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल जा चुका है।
✔️ लक्ष्मण सारथी पर चोरी और मारपीट के केस दर्ज हैं।
✔️ अन्य आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच चल रही है।
गौरेला पुलिस और साइबर सेल की टीम अब इस गैंग से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। गौरेला: नशीले इंजेक्शन की तस्करी का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार
एसपी का सख्त निर्देश
एसपी भावना गुप्ता ने पुलिस टीम की सराहना करते हुए निर्देश दिए हैं कि नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखी जाए।
➡️ क्या यह गैंग बड़े तस्करी नेटवर्क से जुड़ा है? पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। गौरेला: नशीले इंजेक्शन की तस्करी का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार



![शिक्षा सत्र का डेढ़ माह बीता, अब तक स्कूलों में नहीं पहुंचीं किताबें, पुरानी पुस्तकों के सहारे भविष्य की पढ़ाई गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ में नया शैक्षणिक सत्र 2025-26 शुरू हुए डेढ़ महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के सरकारी स्कूलों में छात्रों के बस्ते अब भी खाली हैं।[1] पाठ्य पुस्तक निगम की लापरवाही के चलते अधिकांश कक्षाओं की किताबें अब तक स्कूलों तक नहीं पहुंच पाई हैं।[1][2] इस स्थिति के कारण छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है और वे पुरानी किताबों से काम चलाने को मजबूर हैं।[1] त्रैमासिक परीक्षा सिर पर, कैसे पूरा होगा कोर्स? स्कूलों में किताबों की यह कमी शिक्षकों और अभिभावकों दोनों के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई है। लगभग डेढ़ महीने बाद त्रैमासिक परीक्षाएं होनी हैं, ऐसे में बिना नई किताबों के पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करना एक बड़ी चुनौती है।[1] जिले के प्राइमरी से लेकर मिडिल स्कूलों तक में यही स्थिति है। उदाहरण के लिए, कक्षा 6वीं के छात्रों को सिर्फ गणित की किताब मिली है, जबकि 8वीं के छात्रों को भी कुछ ही विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं।[1] नए पाठ्यक्रम के कारण पुरानी किताबों से पढ़ाई करना भी पूरी तरह संभव नहीं हो पा रहा है।[1] क्यों हुई किताबों के वितरण में देरी? इस साल किताबों के वितरण में देरी के कई कारण सामने आ रहे हैं: तकनीकी खामियां: इस वर्ष भ्रष्टाचार रोकने के लिए किताबों पर बारकोड लगाए गए हैं।[3][4] लेकिन पाठ्य पुस्तक निगम के पोर्टल का सर्वर बार-बार डाउन होने से स्कूलों में किताबों की स्कैनिंग और डेटा अपलोडिंग का काम अटक गया है, जिससे वितरण रुका हुआ है।[5][6] पुराने डेटा पर छपाई: किताबों की छपाई पुराने यू-डायस (UDISE) डेटा और पिछले साल के स्टॉक के आधार पर की गई। इसमें नए दाखिलों और छात्रों की बढ़ी हुई संख्या का अनुमान नहीं लगाया गया, जिससे कई स्कूलों में मांग के अनुरूप किताबें नहीं पहुंचीं।[1][2] वितरण में अव्यवस्था: पाठ्य पुस्तक निगम से स्कूलों तक किताबें पहुंचाने की प्रक्रिया में भी अव्यवस्था देखने को मिली है।[2][5] प्रशासन के दावों के बावजूद स्थिति जस की तस हालांकि, पाठ्य पुस्तक निगम और शिक्षा विभाग के अधिकारी जल्द ही किताबें पहुंचाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।[2][5] स्कूल प्रबंधन द्वारा जिला कार्यालय को किताबों की मांग के लिए पत्र लिखे जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।[1] इस लापरवाही का खामियाजा सीधे तौर पर प्राइमरी और मिडिल स्कूल के मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। अभिभावकों और शिक्षकों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द किताबों की व्यवस्था की जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई और भविष्य अधर में न लटके।[1]](https://nidarchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2025/08/16a.jpg)





