भारत

पूर्व कलेक्टर समेत 6 अफसरों को 4 साल की सजा, 13 साल पुराने मामले में भेजे गए जेल

NCG NEWS DESK:  झाबुआ की एक विशेष अदालत ने झाबुआ के पूर्व कलेक्टर जगदीश शर्मा सहित 6 अफसरों को चार-चार की सजा सुनाई. अदालत के फैसले के बाद दोषियों को जेल भेज दिया गया. अफसरों पर अपने पद का दुरुपयोग कर शासन को 27 लाख 70 हजार 725 रुपये की क्षति पहुंचाने का आरोप सिद्ध हुआ है.

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इस मामले के मुख्य आरोपी जगदीश शर्मा झाबुआ के साल 2007-08 में कलेक्टर थे. शर्मा पर आरोप था कि उन्होंने शासन के नियमों के विरुद्ध जाकर प्रिंटिंग का काम एक निजी फर्म को दिया था. इसके एवज में फर्म को लाखों रुपये का अवैध भुगतान किया गया.

दरअसल, नियम के अनुसार कलेक्टर 5 लाख रुपये से कम की राशि का प्रिंटिंग कार्य निजी प्रिंटर्स से करवा सकते हैं. लेकिन इससे अधिक का कार्य शासकीय प्रिंटिंग प्रेस में करवाने की व्यवस्था है. लेकिन ऐसा न करते हुए तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा और उनके मातहत अफसरों ने लाखों रुपए का प्रिंटिंग कार्य शासन के दिशा-निर्देशों को दरकिनार करते हुए राहुल प्रिंटर्स को दिया और 27 लाख 70 हजार 725 हजार रुपए का अवैध भुगतान कर सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाने का कार्य किया.

इस मामले की शिकायत राजेश सोलंकी नामक शख्स ने झाबुआ की भ्रष्टाचार निवारण अदालत में 4 फरवरी 2010 को एक परिवाद के जरिए की थी. मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस ने की और 3 दिसंबर 2010 को तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा और उनके मातहत अफसरों जगमोहन धुर्वे (CEO जिला पंचायत) , नाथूसिंह तंवर,  अमित दुबे , आशीष कदम और सदाशिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश कोर्ट ने दिया था.

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दोषियों को जेल ले जाती पुलिस.

करीब 13 साल बाद इस मामले में शनिवार देर शाम फैसला आया. अदालत ने 6 अफसरों को 4 -4 साल और राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को 7 साल की सजा सुनाई. इस मामले में परिवाद दायर करने वाले राजेश सोलंकी फैसले से काफी खुश हैं. मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक राहुल रूसिया ने बताया कि आरोपियों पर 5-5 हजार के अर्थदंड भी लगाया गया है.

मुख्य बिंदु:-

2007-08 में झाबुआ के कलेक्टर थे जगदीश शर्मा, बीते 8 साल पहले हो चुके हैं रिटायर्ड

27 लाख रुपए से अधिक की राजस्व क्षति पहुंचाने का आरोप सही साबित हुआ

तत्कालीन कलेक्टर सहित CEO जिला पंचायत और अन्य अफसरों पर शासकीय प्रिंटिंग प्रेस में सामग्री प्रकाशन न करवाकर अधिक दर पर एक निजी प्रिंटर्स को लाभ पहुंचाने का आरोप

कलेक्टर सहित अफसरों पर पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए

2010 से झाबुआ की विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत में चल रहा था मामला

सजा के बाद पूर्व कलेक्टर सहित सभी अफसर जेल भेजे गये

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