
टीबी के खतरनाक रूप का नया इलाज खोजा गया
भारतीय वैज्ञानिकों ने टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) के खतरनाक रूप के इलाज के लिए एक बड़ी खोज की है। मोहाली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (INST) के वैज्ञानिकों ने टीबी की दवाओं को सीधे दिमाग तक पहुंचाने का एक नया और सुरक्षित तरीका विकसित किया है। यह तकनीक खासतौर से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) में फैलने वाले टीबी के इलाज में मददगार साबित होगी, जिससे इस गंभीर समस्या का उपचार करना आसान होगा। भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता: टीबी के खतरनाक रूप का इलाज खोजा, सीधे दिमाग तक पहुंचेगी दवा
CNS टीबी क्या है और इसके लक्षण
सेंट्रल नर्वस सिस्टम टीबी (CNS TB), टीबी का गंभीर रूप है, जो दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करता है। इस स्थिति को ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस भी कहा जाता है, जिसमें दिमाग के चारों ओर की सुरक्षा झिल्लियां सूज जाती हैं। इससे सिरदर्द, बुखार, गर्दन में अकड़न और अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। CNS TB के मामले में, सामान्य टीबी की दवाएं ब्लड-ब्रेन बैरियर (BBB) के कारण दिमाग तक नहीं पहुंच पाती हैं, जिससे इलाज में परेशानी होती है। भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता: टीबी के खतरनाक रूप का इलाज खोजा, सीधे दिमाग तक पहुंचेगी दवा
नई तकनीक कैसे काम करती है?
INST के वैज्ञानिकों ने एक नयी तकनीक विकसित की है, जिसके जरिए दवा को सीधे दिमाग तक पहुंचाया जा सकता है। वैज्ञानिकों की टीम, जिसका नेतृत्व राहुल कुमार वर्मा कर रहे हैं, ने चिटोसन नैनो-एग्रीगेट्स नामक नैनोपार्टिकल्स का विकास किया है। ये नैनोपार्टिकल्स नाक के जरिए दिमाग में दवाएं पहुंचाने में सक्षम हैं। इस तकनीक में टीबी की मुख्य दवाएं, जैसे कि आइसोनियाजिड (INH) और रिफाम्पिसिन (RIF), को नैनोपार्टिकल्स के माध्यम से दिमाग तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे दवा की बायोउपलब्धता बढ़ती है। भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता: टीबी के खतरनाक रूप का इलाज खोजा, सीधे दिमाग तक पहुंचेगी दवा
अन्य बीमारियों के इलाज में भी हो सकता है कारगर
यह नई तकनीक न केवल टीबी के इलाज के लिए उपयोगी हो सकती है, बल्कि यह न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों (जैसे कि अल्जाइमर, पार्किंसंस), ब्रेन ट्यूमर और मिर्गी के इलाज में भी सहायक साबित हो सकती है। इस तकनीक से कई अन्य दिमागी संक्रमणों का भी इलाज संभव हो सकेगा। यह महत्वपूर्ण शोध रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के जर्नल ‘नैनोस्केल’ में प्रकाशित किया गया है। भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता: टीबी के खतरनाक रूप का इलाज खोजा, सीधे दिमाग तक पहुंचेगी दवा









