
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल! रायपुर में सिर्फ NCERT किताबें अनिवार्य, नियम तोड़ने पर DEO की सख्त चेतावनी
मुख्य बिंदु:
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रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने सभी प्राइवेट CBSE स्कूलों के लिए NCERT किताबें अनिवार्य कीं।
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आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर होगी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई।
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स्कूलों का तर्क: सत्र शुरू हो गया पर पाठ्य पुस्तक निगम ने अब तक किताबें नहीं दीं।
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नर्सरी-KG कक्षाओं के लिए सरकारी किताबें उपलब्ध ही नहीं, प्राइवेट पब्लिशर मजबूरी।
रायपुर: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल! रायपुर में सिर्फ NCERT किताबें अनिवार्य, राजधानी रायपुर के प्राइवेट CBSE स्कूलों द्वारा महंगी निजी प्रकाशकों की किताबें थोपने की मनमानी पर अब लगाम लगने जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने एक कड़ा आदेश जारी करते हुए सभी मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों को अनिवार्य रूप से केवल एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों का ही उपयोग करने का निर्देश दिया है। आदेश में साफ कहा गया है कि इसका पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्यों जारी हुआ यह फरमान? अभिभावकों पर बोझ कम करने की कोशिश
यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिनमें कहा जा रहा था कि कई प्राइवेट स्कूल अभिभावकों को महंगे निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। इससे न केवल अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ता है, बल्कि यह शिक्षा के व्यवसायीकरण को भी बढ़ावा देता है। DEO का यह आदेश इसी “बुक माफिया” और स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की एक बड़ी कोशिश है, ताकि सभी स्कूलों में एक समान और किफायती पाठ्यक्रम लागू हो सके।प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल! रायपुर में सिर्फ NCERT किताबें अनिवार्य
स्कूलों की दलील और जमीनी हकीकत
हालांकि, DEO के इस आदेश और जमीनी हकीकत में एक बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है। स्कूल संचालकों और एसोसिएशन ने इस आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए कई गंभीर समस्याएं सामने रखी हैं:
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किताबों की अनुपलब्धता: सबसे बड़ी समस्या यह है कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम ने अब तक स्कूलों को NCERT की किताबें उपलब्ध नहीं कराई हैं। ऐसे में पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें उपयोग करने को मजबूर हैं।
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प्री-प्राइमरी का संकट: स्कूल एसोसिएशन ने बताया कि पाठ्य पुस्तक निगम नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 जैसी प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए कोई भी पुस्तक प्रकाशित नहीं करता है। इस स्थिति में स्कूलों के पास बाजार में उपलब्ध निजी प्रकाशकों की किताबों से पढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प ही नहीं है।
स्कूल एसोसिएशन ने इस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है, क्योंकि बिना किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित किए इस नियम का पालन करना असंभव है।
आदेश और हकीकत के बीच फंसे स्कूल और अभिभावक
यह स्थिति एक अजीब विरोधाभास पैदा करती है। एक तरफ सरकार और प्रशासन अभिभावकों को राहत देने के लिए एक सराहनीय कदम उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी ही एजेंसी (पाठ्य पुस्तक निगम) समय पर किताबें मुहैया कराने में विफल रही है। इसके चलते स्कूल प्रशासन असमंजस में है कि वे नियम का पालन करें या बच्चों की पढ़ाई जारी रखें। इस खींचतान के बीच सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों और उनके अभिभावकों को हो रही है।प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल! रायपुर में सिर्फ NCERT किताबें अनिवार्य
अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन स्कूलों पर कार्रवाई करने से पहले किताबों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कर पाता है या नहीं।प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल! रायपुर में सिर्फ NCERT किताबें अनिवार्य









