यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली ‘नई जिंदगी’, मौत की सजा रद्द, जानिए कैसे हुआ यह चमत्कार

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली ‘नई जिंदगी’, मौत की सजा रद्द, जानिए कैसे हुआ यह चमत्कार
मुख्य बातें:
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यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रद्द।
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यमन की राजधानी सना में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद आया यह फैसला।
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भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के हस्तक्षेप ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका।
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अभी यमन सरकार से आधिकारिक लिखित पुष्टि का इंतजार।
मौत के मुंह से लौटीं निमिषा
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली ‘नई जिंदगी’, यमन में मौत की सजा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के लिए एक चमत्कारी खबर आई है। यमन में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद उनकी मौत की सजा को रद्द कर दिया गया है। इस फैसले से निमिषा और उनके परिवार के साथ-साथ पूरे भारत में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस बड़ी राहत की जानकारी भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने सोमवार देर रात दी।
क्या थी पूरी कहानी?
केरल के पलक्कड़ की रहने वाली 34 वर्षीय निमिषा प्रिया 2008 में बेहतर भविष्य की तलाश में यमन गई थीं। वहां उन्होंने एक स्थानीय नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया।यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली ‘नई जिंदगी’
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बिगड़े रिश्ते, शुरू हुआ उत्पीड़न: समय के साथ निमिषा और महदी के रिश्ते खराब होने लगे। आरोप है कि महदी ने निमिषा का उत्पीड़न शुरू कर दिया, खुद को सार्वजनिक रूप से उसका पति बताने लगा और उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया ताकि वह यमन छोड़कर भारत वापस न जा सके।
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एक गलती और मौत की सजा: यमनी अधिकारियों के अनुसार, 2017 में निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन दवा के ओवरडोज के कारण महदी की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया। 2018 में निचली अदालत ने उन्हें हत्या का दोषी ठहराया और 2020 में मौत की सजा सुनाई।
कैसे हुआ चमत्कार? पर्दे के पीछे के नायक
निमिषा की फांसी की तारीख 16 जुलाई, 2025 तय कर दी गई थी। इसके बाद भारत में उन्हें बचाने के लिए धार्मिक और कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए।यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली ‘नई जिंदगी’
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ग्रैंड मुफ्ती का हस्तक्षेप: मामले की गंभीरता को देखते हुए, भारत के ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने यमन के प्रभावशाली सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज के साथ बातचीत की। उनके हस्तक्षेप के बाद ही 16 जुलाई को होने वाली फांसी को अस्थायी रूप से टाला गया था।
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उच्च स्तरीय बैठक में फैसला: लगातार चल रही बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों के परिणामस्वरूप, यमन की राजधानी सना में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जहां अंततः निमिषा की मौत की सजा को पूरी तरह से रद्द करने का फैसला लिया गया।
हालांकि ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने यह स्पष्ट किया है कि अभी यमन सरकार से इस फैसले की आधिकारिक लिखित पुष्टि मिलनी बाकी है, लेकिन यह खबर निमिषा के लिए एक नई सुबह लेकर आई है।यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली ‘नई जिंदगी’









