अपराधरायपुर

“पलक झपकते ही खाता साफ!” मोबाइल चोरी कर करोड़ों की ठगी करने वाला ‘तीन-ग्रुप’ गैंग पकड़ाया, जानें कैसे करते थे काम

“पलक झपकते ही खाता साफ!” मोबाइल चोरी कर करोड़ों की ठगी करने वाला ‘तीन-ग्रुप’ गैंग पकड़ाया, जानें कैसे करते थे काम

पलक झपकते ही खाता साफ, रायपुर पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो मोबाइल चोरी करने के बाद पलक झपकते ही लोगों के बैंक खाते खाली कर देता था। यह गिरोह इतना संगठित था कि चोरी, ऑनलाइन ट्रांसफर और कैश निकालने के लिए तीन अलग-अलग टीमें काम करती थीं। इस मामले में पुलिस ने पश्चिम बंगाल और झारखंड से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके खातों से करोड़ों रुपये के ट्रांजैक्शन का खुलासा हुआ है।

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कैसे काम करता था यह ‘स्मार्ट’ चोरों का गिरोह?

यह गिरोह किसी फिल्मी कहानी की तरह तीन हिस्सों में बंटकर काम करता था, ताकि कोई भी आसानी से पकड़ा न जा सके।

  1. ग्रुप-1 (द पिकपॉकेट्स): इस ग्रुप का काम सिर्फ भीड़-भाड़ वाली जगहों, जैसे बाजारों या बसों में आसान शिकार देखकर मोबाइल फोन चुराना था। चोरी करते ही यह फोन तुरंत दूसरे ग्रुप को सौंप दिया जाता था।

  2. ग्रुप-2 (द टेक एक्सपर्ट्स): यह ग्रुप चोरी के मोबाइल का लॉक तोड़ने में माहिर था। फोन अनलॉक होते ही ये तुरंत ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay) के जरिए पीड़ित के बैंक खाते से सारी रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे।

  3. ग्रुप-3 (द कैशियर्स): जैसे ही पैसा गिरोह के खाते में आता, यह तीसरा ग्रुप सक्रिय हो जाता था। इनका काम था अलग-अलग शहरों के एटीएम से तुरंत उस पैसे को निकालना, ताकि पुलिस को कोई डिजिटल सुराग न मिल सके। इसके बाद, निकाली गई रकम को तीनों ग्रुपों में बांट लिया जाता था।

एक चोरी की शिकायत से बंगाल तक कैसे पहुंची पुलिस?

यह सब एक साधारण मोबाइल चोरी की शिकायत से शुरू हुआ, लेकिन जब पीड़ितों ने बताया कि उनके बैंक खातों से ऑनलाइन पैसे भी निकाल लिए गए हैं, तो मामला रायपुर पुलिस की एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट को सौंपा गया।पलक झपकते ही खाता साफ

साइबर विंग ने अपनी जांच में पाया कि चोरी के मोबाइल से जिन बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ था, उनसे कोलकाता के एटीएम से कैश निकाला गया है। जांच में यह भी पता चला कि ये बैंक खाते पश्चिम बंगाल से ऑपरेट हो रहे थे।पलक झपकते ही खाता साफ

इस सुराग के आधार पर पुलिस की एक टीम कोलकाता पहुंची और बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने वाले शेख सुलेमान उर्फ राजन और अंकित शर्मा को धर दबोचा। उनसे हुई पूछताछ में इस पूरे गिरोह का नेटवर्क सामने आ गया, जिसके बाद पुलिस ने पश्चिम बंगाल और झारखंड के साहेबगंज से गिरोह के चार अन्य सदस्यों- यासीन कुरैशी, विकास महतो, पिंटू मोहले और सागर मंगल को भी गिरफ्तार कर लिया।पलक झपकते ही खाता साफ

करोड़ों का ट्रांजेक्शन और बड़ी बरामदगी

पुलिस ने जब आरोपियों के बैंक खातों की जांच की तो वे हैरान रह गए। इन खातों में करोड़ों रुपये के लेनदेन का पता चला है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह गिरोह कितने बड़े पैमाने पर ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 10 मोबाइल फोन, 1 लाख रुपये नकद और 10 एटीएम कार्ड भी जब्त किए हैं।पलक झपकते ही खाता साफ

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