जगदलपुर

आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान: संघर्ष का दूसरा नाम ही नारी शक्ति है – दीपिका शोरी

आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान: संघर्ष का दूसरा नाम ही नारी शक्ति है – दीपिका शोरी

जगदलपुर: आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आदिवासी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महादेवी कश्यप के असाधारण समर्पण और उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, महादेवी ने न केवल अपने दायित्वों का निर्वाह किया, बल्कि वे महिला सशक्तिकरण की एक जीती-जागती मिसाल बन गई हैं। उनके इस जज़्बे को सलाम करते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य, अधिवक्ता दीपिका शोरी ने उन्हें शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।

संघर्षों से भरा जीवन

जगदलपुर के पोटानार की रहने वाली महादेवी कश्यप का जीवन अनेक कठिनाइयों से भरा रहा है। उनका विवाह बहुत कम उम्र में हो गया था और बेटे के जन्म के बाद उनके पति ने उन्हें घर से निकाल दिया।[1] इस मुश्किल घड़ी में उन्होंने नारीनिकेतन में शरण ली।इसके बाद, 1999 में एक अधिकारी की मदद से उन्हें तत्कालीन दंतेवाड़ा (अब सुकमा जिला) के बोड़को पंचायत के पलिया गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी मिली।तब से लेकर आज तक, महादेवी उसी गांव में पूरी लगन और निष्ठा से अपनी सेवाएं दे रही हैं।आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान

WhatsApp Group Join Now
Facebook Page Follow Now
YouTube Channel Subscribe Now
Telegram Group Follow Now
Instagram Follow Now
Dailyhunt Join Now
Google News Follow Us!

बेटे को शिक्षित कर बनाया शिक्षक

महादेवी ने अपने जीवन में शिक्षा के महत्व को गहराई से समझा। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके बेटे शिवचरण कश्यप को अच्छी शिक्षा मिले, ताकि उसे उन कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, जिनसे वे स्वयं गुज़री थीं। उनकी मेहनत रंग लाई और आज उनका बेटा, शिवचरण, बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के उसरिबेडा में एक शिक्षक और समन्वयक के पद पर कार्यरत है।आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान

भीषण गर्मी में स्कूल छात्रावासों की छुट्टी के बावजूद किसकी अनुमति से लोहंडीगुड़ा बालिका छात्रावास में संचालित हो रहा भाजपा,आरएसएस और अभाविप का प्रशिक्षण शिविर - जावेद खान

काम के प्रति अटूट समर्पण

महादेवी के लिए उनका काम किसी पूजा से कम नहीं है। उनके आंगनवाड़ी केंद्र और पंचायत मुख्यालय के बीच एक नदी पड़ती है, जिसे मानसून के दौरान पार करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। वे बताती हैं कि कई बार उन्हें सीने तक गहरे पानी से होकर गुज़रना पड़ता है ताकि बच्चों के लिए राशन और अन्य ज़रूरी सामान लाया जा सके।उनका आंगनवाड़ी केंद्र भी काफी जर्जर हालत में है, और बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है, जिसे वे खुद बाल्टी में भरकर बाहर फेंकती हैं।आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान

“संघर्ष का दूसरा नाम ही नारी शक्ति है” – अधिवक्ता दीपिका शोरी

अधिवक्ता दीपिका शोरी ने महादेवी कश्यप के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “संघर्ष का दूसरा नाम ही नारी शक्ति है।” उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से महादेवी के कार्यों को देख रही थीं और इस बात से बेहद प्रभावित थीं कि कैसे उन्होंने इतने संघर्षों के बावजूद अपने कर्तव्यों का पालन किया है। दीपिका शोरी का मानना है कि महादेवी जैसी महिलाएं समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं, जो यह सिखाती हैं कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान

महादेवी कश्यप की कहानी उन अनगिनत महिलाओं की कहानी है जो चुपचाप, बिना किसी शिकायत के, समाज की नींव को मजबूत करने का काम कर रही हैं। उनका जीवन यह साबित करता है कि सच्ची शक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानने में है।आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता का सम्मान

Related Articles

WP Radio
WP Radio
OFFLINE LIVE
सैकड़ो वर्षो से पहाड़ की चोटी पर दिका मंदिर,51 शक्ति पीठो में है एक,जानिए डिटेल्स शार्ट सर्किट की वजह से फर्नीचर कंपनी के गोदाम में लगी आग महेश नवमी का माहेश्वरी समाज से क्या है संबंध? भारत ऑस्ट्रेलिया को हराकर टी20 वर्ल्ड कप से कर सकता है बाहर बिना कुछ पहने सड़को पर निकल गई उर्फी जावेद , देखकर बोले फैंस ये क्या छत्तीसगढ़ पुलिस कांस्टेबल शारीरिक दक्षता परीक्षा की तारीख घोषित, जानें पूरी डिटेल एक जुलाई से बदलने वाला है IPC, जाने क्या होने जा रहे है बदलाव WhatsApp या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नहीं दिया जा सकता धारा 41ए CrPC/धारा 35 BNSS नोटिस The 12 Best Superfoods for Older Adults Mother died with newborn case : महिला डॉक्टर समेत 2 नर्सों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज