फर्जी दस्तावेज के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त: जांच में हुआ खुलासा

बिलासपुर में बड़ा खुलासा: फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र के जरिए नियुक्ति
बिलासपुर। फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। कोटा ब्लॉक के जरगाडीह आंगनबाड़ी केंद्र में नियुक्त कार्यकर्ता श्रीमती सरस्वती यादव को फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र जमा करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इस मामले में कोटा थाना प्रभारी को कानूनी कार्रवाई के लिए पत्र भी भेजा गया है। फर्जी दस्तावेज के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त: जांच में हुआ खुलासा
शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में मिली शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। एकीकृत बाल विकास परियोजना कोटा के परियोजना अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार, श्रीमती सरस्वती ने फर्जी तरीके से सरपंच और सचिव के हस्ताक्षर से परित्यक्ता प्रमाण पत्र बनवाकर आवेदन किया था। फर्जी दस्तावेज के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त: जांच में हुआ खुलासा
जांच में क्या सामने आया?
- गांव के लोगों ने लिखित शिकायत में कहा कि श्रीमती सरस्वती अभी भी अपने पति और छोटे बच्चे के साथ रहती हैं।
- जांच के दौरान सचिव ने अपने लिखित बयान में स्पष्ट किया कि प्रमाण पत्र पर उनका हस्ताक्षर फर्जी है।
- सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद परियोजना स्तरीय मूल्यांकन समिति ने 13 दिसंबर 2024 को निर्णय लिया कि श्रीमती सरस्वती ने गलत तरीके से नौकरी प्राप्त की। फर्जी दस्तावेज के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त: जांच में हुआ खुलासा
कार्रवाई का निष्कर्ष
- सेवा समाप्त: फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर श्रीमती सरस्वती को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद से बर्खास्त किया गया।
- कानूनी कदम: कोटा थाना प्रभारी को इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा गया है। फर्जी दस्तावेज के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त: जांच में हुआ खुलासा
फर्जी दस्तावेज के दुष्परिणाम
फर्जी दस्तावेजों का उपयोग न केवल नैतिक और कानूनी अपराध है, बल्कि इससे योग्य उम्मीदवारों के अधिकार भी छीने जाते हैं। यह मामला प्रशासन की सतर्कता और कार्रवाई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। फर्जी दस्तावेज के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त: जांच में हुआ खुलासा









