गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बोलेरो हादसा: प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत, 8 घायल

बोलेरो की रफ्तार बनी जानलेवा, महिला को रौंदते हुए पुल से गिरी गाड़ी
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की बोलेरो दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। तेज रफ्तार से जा रही बोलेरो पहले पुल पर खड़ी एक महिला को टक्कर मारते हुए सोन नदी में गिर गई। इस हादसे में बोलेरो चालक समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 अन्य घायल हो गए हैं, जिनमें 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बोलेरो हादसा: प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत, 8 घायल
कैसे हुआ हादसा?
यह दुर्घटना गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कोटमी चौकी क्षेत्र में सोन नदी पुल पर हुई। चश्मदीदों के मुताबिक, एक महिला पुल पर फूल विसर्जन कर रही थी, तभी तेज गति से आ रही बोलेरो ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर के बाद गाड़ी अनियंत्रित होकर पुल से नीचे गिर गई। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बोलेरो हादसा: प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत, 8 घायल
मृतकों और घायलों की पहचान
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मृतक:
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बाबूलाल चौधरी (30) – बोलेरो चालक
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रमिताबाई (40) – पंडरीखार गांव की निवासी
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गंभीर घायल (बिलासपुर रेफर किए गए):
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राकेश यादव (ताराबहरा)
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शिव प्रसाद चेरवा (ताराबहरा, पूर्व सरपंच)
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राम प्रसाद सूर्यवंशी (ताराबहरा, सरपंच)
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धीरसाई बैरागी (ताराबहरा, पंच)
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तीरथ प्रसाद (ताराबहरा)
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: पुल पर सुरक्षा दीवार नहीं, लगातार हो रहे हादसे
ग्रामीणों के अनुसार, सोन नदी पर बना यह पुल सकरा है और इस पर कोई सुरक्षा दीवार नहीं है, जिसके कारण यहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पुल पर सुरक्षा दीवार बनाने और स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग की है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बोलेरो हादसा: प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत, 8 घायल
प्रशासन ने घायलों के इलाज के दिए निर्देश
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर लीना मंडावी, एसडीएम अमित बेक और एसडीओपी निकिता तिवारी अस्पताल पहुंचे और घायलों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बोलेरो हादसा: प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत, 8 घायल
पहले भी हो चुका है ऐसा हादसा
यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे भाजपा कार्यकर्ता दुर्घटना के शिकार हुए हैं। साल 2023 में बिलासपुर में आयोजित पीएम मोदी की सभा में जा रही भाजपा कार्यकर्ताओं की कार कारीआम केंदा घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हुए थे। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बोलेरो हादसा: प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत, 8 घायल
सवाल उठता है: कब रुकेगी यह लापरवाही?
यह हादसा कई सवाल खड़े करता है—
✅ क्या पुल पर सुरक्षा दीवार का न होना प्रशासन की लापरवाही नहीं है?
✅ क्या तेज रफ्तार वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?
✅ हादसे में घायल हुए लोगों को समुचित मुआवजा मिलेगा या नहीं? गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बोलेरो हादसा: प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत, 8 घायल



![शिक्षा सत्र का डेढ़ माह बीता, अब तक स्कूलों में नहीं पहुंचीं किताबें, पुरानी पुस्तकों के सहारे भविष्य की पढ़ाई गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ में नया शैक्षणिक सत्र 2025-26 शुरू हुए डेढ़ महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के सरकारी स्कूलों में छात्रों के बस्ते अब भी खाली हैं।[1] पाठ्य पुस्तक निगम की लापरवाही के चलते अधिकांश कक्षाओं की किताबें अब तक स्कूलों तक नहीं पहुंच पाई हैं।[1][2] इस स्थिति के कारण छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है और वे पुरानी किताबों से काम चलाने को मजबूर हैं।[1] त्रैमासिक परीक्षा सिर पर, कैसे पूरा होगा कोर्स? स्कूलों में किताबों की यह कमी शिक्षकों और अभिभावकों दोनों के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई है। लगभग डेढ़ महीने बाद त्रैमासिक परीक्षाएं होनी हैं, ऐसे में बिना नई किताबों के पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करना एक बड़ी चुनौती है।[1] जिले के प्राइमरी से लेकर मिडिल स्कूलों तक में यही स्थिति है। उदाहरण के लिए, कक्षा 6वीं के छात्रों को सिर्फ गणित की किताब मिली है, जबकि 8वीं के छात्रों को भी कुछ ही विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं।[1] नए पाठ्यक्रम के कारण पुरानी किताबों से पढ़ाई करना भी पूरी तरह संभव नहीं हो पा रहा है।[1] क्यों हुई किताबों के वितरण में देरी? इस साल किताबों के वितरण में देरी के कई कारण सामने आ रहे हैं: तकनीकी खामियां: इस वर्ष भ्रष्टाचार रोकने के लिए किताबों पर बारकोड लगाए गए हैं।[3][4] लेकिन पाठ्य पुस्तक निगम के पोर्टल का सर्वर बार-बार डाउन होने से स्कूलों में किताबों की स्कैनिंग और डेटा अपलोडिंग का काम अटक गया है, जिससे वितरण रुका हुआ है।[5][6] पुराने डेटा पर छपाई: किताबों की छपाई पुराने यू-डायस (UDISE) डेटा और पिछले साल के स्टॉक के आधार पर की गई। इसमें नए दाखिलों और छात्रों की बढ़ी हुई संख्या का अनुमान नहीं लगाया गया, जिससे कई स्कूलों में मांग के अनुरूप किताबें नहीं पहुंचीं।[1][2] वितरण में अव्यवस्था: पाठ्य पुस्तक निगम से स्कूलों तक किताबें पहुंचाने की प्रक्रिया में भी अव्यवस्था देखने को मिली है।[2][5] प्रशासन के दावों के बावजूद स्थिति जस की तस हालांकि, पाठ्य पुस्तक निगम और शिक्षा विभाग के अधिकारी जल्द ही किताबें पहुंचाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।[2][5] स्कूल प्रबंधन द्वारा जिला कार्यालय को किताबों की मांग के लिए पत्र लिखे जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।[1] इस लापरवाही का खामियाजा सीधे तौर पर प्राइमरी और मिडिल स्कूल के मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। अभिभावकों और शिक्षकों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द किताबों की व्यवस्था की जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई और भविष्य अधर में न लटके।[1]](https://nidarchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2025/08/16a.jpg)





