छत्तीसगढ़ में करोड़ों का किताब घोटाला: शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल

छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों में मुफ्त किताबों के वितरण में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। इस साल 2 करोड़ किताबें छापी गईं, जिनमें से 40 लाख किताबें बच्चों तक पहुंचने से पहले ही रद्दी में बेच दी गईं। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, लगभग 10 लाख बच्चे ऐसे हैं जो वास्तव में स्कूल नहीं जाते, फिर भी उनके नाम पर किताबें छापी जाती हैं। छत्तीसगढ़ में करोड़ों का किताब घोटाला: शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल
किताबों की रद्दी में बिक्री और भ्रष्टाचार
सरकार हर साल मुफ्त किताबों के लिए 150 करोड़ का बजट रखती है। ये किताबें पाठ्य पुस्तक निगम से प्रिंट होकर स्कूलों तक पहुंचती हैं, लेकिन कई जिलों में अतिरिक्त किताबें डंपिंग केंद्रों पर बेकार हो जाती हैं। इस घोटाले में संकुल स्तर से लेकर निगम तक के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत सामने आई है। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सिलयारी के डंपिंग केंद्र से जब्त की गई हजारों किताबों की जानकारी दी, जिसके बाद एसीबी ने जांच शुरू की है। छत्तीसगढ़ में करोड़ों का किताब घोटाला: शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल
क्या छत्तीसगढ़ में किताब घोटाला रुक पाएगा?
इस घोटाले के बाद, प्रदेश सरकार ने निगम के महाप्रबंधक को हटा दिया है और जांच के निर्देश दिए हैं। हालांकि, सवाल यह है कि जब इस घोटाले की जड़ें संकुल से लेकर उच्च स्तर तक फैली हैं, तो क्या निष्पक्ष जांच हो पाएगी? छत्तीसगढ़ में करोड़ों का किताब घोटाला: शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल









