छत्तीसगढ़ का ‘ब्लैक फॉरेस्ट फ्रूट’ तेंदू: स्वाद, सेहत और कमाई का खजाना

छत्तीसगढ़ का ‘ब्लैक फॉरेस्ट फ्रूट’ तेंदू: स्वाद, सेहत और कमाई का खजाना
मुख्य बातें:
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तेंदू: छत्तीसगढ़ के जंगलों का मीठा और पौष्टिक उपहार, जिसे ‘गर्मी का नेचुरल टॉनिक’ भी कहा जाता है।
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आदिवासी समुदाय के लिए स्वाद और आय का प्रमुख स्रोत, फल और पत्ते दोनों हैं बेशकीमती।
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इसके पत्तों से बनता है बीड़ी, जिससे मिलता है लाखों को रोजगार।
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यह फल पाचन सुधारने, गर्मी से राहत देने और इम्युनिटी बढ़ाने में है बेहद फायदेमंद।
जंगलों का मीठा उपहार
जब शहरों में गर्मी से बचने के लिए लोग आधुनिक पेय और फलों की ओर भागते हैं, तब छत्तीसगढ़ के घने जंगल अपने लोगों को एक अनमोल और पारंपरिक उपहार देते हैं – तेंदू। यह फल सिर्फ स्वाद में ही लाजवाब नहीं, बल्कि सेहत और रोजगार का एक अनूठा संगम भी है, जो आदिवासी समुदाय के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है।
पहचान और स्वाद

गर्मियों के मौसम में पकने वाला यह छोटे आकार का फल गहरे पीले या नारंगी रंग का होता है। इसका गूदेदार हिस्सा स्वाद में मीठा और हल्का कसैला होता है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को खूब भाता है। जंगलों में प्राकृतिक रूप से उगने वाला यह फल स्थानीय आहार और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सिर्फ फल नहीं, रोजगार का साधन भी

तेंदू का महत्व सिर्फ उसके फल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों के लिए आय का एक मजबूत स्तंभ भी है।
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फल से कमाई: गर्मियों में आदिवासी और ग्रामीण परिवार तेंदू फल तोड़कर स्थानीय बाजारों में बेचते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक संबल मिलता है।
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पत्तों का आर्थिक महत्व: तेंदू के पत्ते कहीं ज्यादा कीमती हैं। इनका उपयोग विश्व प्रसिद्ध बीड़ी बनाने में किया जाता है। तेंदू पत्ता संग्रहण छत्तीसगढ़ में लाखों लोगों के लिए रोजगार का एक बड़ा जरिया है।
सेहत का खजाना है तेंदू

तेंदू फल को “गर्मी का नेचुरल टॉनिक” कहना गलत नहीं होगा। यह पोषण से भरपूर होता है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है:
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प्राकृतिक ठंडक: यह शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडक पहुंचाता है, जिससे गर्मी और लू के प्रभाव से बचाव होता है।
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पाचन में सहायक: इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
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ऊर्जा का स्रोत: इसमें मौजूद प्राकृतिक शर्करा शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे गर्मी से होने वाली थकान दूर होती है।
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इम्युनिटी बूस्टर: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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डिहाइड्रेशन से बचाव: यह फल शरीर में पानी की कमी को दूर करने में भी सहायक है।
कैसे करें इस्तेमाल?
तेंदू फल को आमतौर पर ताजा ही खाया जाता है। इसकी मिठास और अनोखा स्वाद इसे गर्मियों का पसंदीदा फल बनाते हैं। कुछ लोग इसे लंबे समय तक उपयोग करने के लिए सुखाकर भी रखते हैं। इसके अलावा, पारंपरिक चिकित्सा में इसके सूखे चूर्ण और बीजों का भी उपयोग किया जाता है।
संक्षेप में, तेंदू फल सिर्फ एक मौसमी फल नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की वन संस्कृति, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान का एक जीवंत प्रतीक है।









