लोकपाल दिवस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का बड़ा बयान: भ्रष्टाचार ‘कई सिरों वाला राक्षस’, जो सरकार को खोखला कर देता है

लोकपाल दिवस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का बड़ा बयान: भ्रष्टाचार ‘कई सिरों वाला राक्षस’, जो सरकार को खोखला कर देता है
नई दिल्ली: लोकपाल दिवस के अवसर पर, भारत के मुख्य न्यायाधीश संजय खन्ना ने भ्रष्टाचार को ‘हाइड्रा हेडेड मॉन्स्टर’ (कई सिरों वाला राक्षस) करार दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने भारतीय समाज को लंबे समय से नुकसान पहुंचाया है और इसे केवल सक्रिय और जागरूक नागरिकों की मदद से समाप्त किया जा सकता है। लोकपाल दिवस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का बड़ा बयान
भ्रष्टाचार को खत्म करना क्यों जरूरी?
सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का असली उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत करना और जनता के विश्वास को बनाए रखना होना चाहिए।लोकपाल दिवस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का बड़ा बयान
- भ्रष्टाचार का असर: यह सरकार को अंदर से कमजोर करता है और शासन में जनता का विश्वास खत्म करता है।
- लोकपाल का महत्व: लोकपाल का प्रदर्शन इसकी क्षमता को दर्शाता है, लेकिन चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं।
लोकपाल को और प्रभावी बनाने के सुझाव
सीजेआई ने लोकपाल को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए:
- सहज समन्वय की आवश्यकता:
लोकपाल को केंद्रीय सतर्कता आयोग और अन्य रेफरी एजेंसियों के साथ समन्वय करना चाहिए। - जांच प्रक्रिया में सुधार:
साक्ष्य एकत्र करने, जांच करने और अनावश्यक नौकरशाही के बिना आरोप दायर करने की प्रक्रिया को तेज किया जाना चाहिए। - जनता का विश्वास:
लोकपाल की सफलता जनता के विश्वास पर आधारित है, जो निष्पक्षता और पारदर्शिता के जरिए ही संभव है।
जनता की भूमिका को बताया अहम
चीफ जस्टिस ने जनता की भूमिका को अपरिहार्य बताया।लोकपाल दिवस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का बड़ा बयान
- शिकायत और गवाही:
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता शिकायत दर्ज करती है और गवाही देती है। - लोकपाल प्रणाली से जुड़ाव:
जनता को लोकपाल प्रणाली से जुड़ने और उसका उपयोग करने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना जरूरी है।
लोकपाल दिवस के मुख्य बिंदु
- विशेष अतिथि:
लोकपाल चेयरमैन जस्टिस एएम खानविलकर, लोकपाल के सदस्य, और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कार्यक्रम में भाग लिया। - अन्ना हजारे की उपस्थिति:
लोकपाल आंदोलन के नेता अन्ना हजारे ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया।
जनता का विश्वास लोकतंत्र की आत्मा
सीजेआई ने कहा कि जनता का विश्वास लोकतंत्र को चलाने वाली अदृश्य शक्ति है। उन्होंने कहा:
“अगर जनता का विश्वास खत्म हो जाए, तो कोई भी प्रणाली, चाहे वह कितनी भी अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई हो, प्रभावी रूप से काम नहीं कर सकती।”
भ्रष्टाचार के प्रभाव और समाधान
- प्रभाव:
भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी जैसी नैतिक विकृतियां शासन में घुसकर लोकतंत्र को खोखला कर देती हैं। - समाधान:
भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों को लोकतंत्र को मजबूत करने का जरिया बनाना चाहिए।
लोकपाल दिवस पर चीफ जस्टिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया। उन्होंने लोकतंत्र और जनता के विश्वास को बचाने के लिए लोकपाल प्रणाली को पारदर्शी, निष्पक्ष और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने सक्रिय नागरिक भागीदारी की अहमियत पर प्रकाश डाला। लोकपाल दिवस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का बड़ा बयान









