भारत

दिल्ली हाईकोर्ट: उपभोक्ता संरक्षण विनियमों की व्याख्या आरटीआई अधिनियम के पारदर्शिता लक्ष्य के अनुरूप होनी चाहिए

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उपभोक्ता संरक्षण विनियम, 2005 के तहत कार्यवाही से संबंधित जानकारी तक तीसरे पक्ष की पहुंच पर स्पष्ट प्रतिबंध की अनुपस्थिति को एक विनियामक कमी करार दिया है। अदालत ने कहा कि इस कमी के मद्देनजर, विनियमों की व्याख्या सूचना तक पारदर्शी पहुंच के आरटीआई अधिनियम के उद्देश्यों के अनुरूप होनी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट: उपभोक्ता संरक्षण विनियमों की व्याख्या आरटीआई अधिनियम के पारदर्शिता लक्ष्य के अनुरूप होनी चाहिए

WhatsApp Group Join Now
Facebook Page Follow Now
YouTube Channel Subscribe Now
Telegram Group Follow Now
Instagram Follow Now
Dailyhunt Join Now
Google News Follow Us!

 उपभोक्ता संरक्षण विनियमों की व्याख्या प्रतिबंधात्मक नहीं हो सकती

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि विनियमन 21 और 22 में तीसरे पक्ष की सूचना तक पहुंच को लेकर कोई स्पष्ट रोक नहीं है। अदालत ने टिप्पणी की कि एनसीडीआरसी (राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग) के रिकॉर्ड तक तीसरे पक्ष की पहुंच को प्रतिबंधित मानना गलत होगा।

✔️ हाईकोर्ट ने कहा:
? तीसरे पक्ष को सूचना प्राप्त करने के लिए उचित कारण बताते हुए विस्तृत आवेदन देना चाहिए।
? विनियम 21 की व्याख्या प्रतिबंध के रूप में करने से सीपीए विनियम और आरटीआई अधिनियम में टकराव होगा।
? आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 22 अन्य किसी भी विरोधाभासी कानून पर हावी होती है। दिल्ली हाईकोर्ट: उपभोक्ता संरक्षण विनियमों की व्याख्या आरटीआई अधिनियम के पारदर्शिता लक्ष्य के अनुरूप होनी चाहिए

? सूचना के अधिकार और गोपनीयता के बीच संतुलन आवश्यक

कोर्ट ने यह भी माना कि एनसीडीआरसी संवेदनशील और व्यक्तिगत जानकारी संभालता है, इसलिए सूचना तक सार्वजनिक पहुंच और न्यायिक अभिलेखों की गोपनीयता के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

जल संकट के बीच केजरीवाल सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, दायर की याचिका

? न्यायालय ने कहा कि तीसरे पक्ष को स्वतः एनसीडीआरसी कार्यवाही की प्रतियां प्राप्त करने का अधिकार नहीं है।
? इसके लिए उचित कारण सहित एक विस्तृत आवेदन या हलफनामा प्रस्तुत करना होगा।
? इस आदेश के तहत सीपीआईओ को निर्देश दिया गया है कि वह पारदर्शिता और गोपनीयता के बीच संतुलन बनाते हुए आरटीआई आवेदन का आकलन करे। दिल्ली हाईकोर्ट: उपभोक्ता संरक्षण विनियमों की व्याख्या आरटीआई अधिनियम के पारदर्शिता लक्ष्य के अनुरूप होनी चाहिए

Related Articles

WP Radio
WP Radio
OFFLINE LIVE
सैकड़ो वर्षो से पहाड़ की चोटी पर दिका मंदिर,51 शक्ति पीठो में है एक,जानिए डिटेल्स शार्ट सर्किट की वजह से फर्नीचर कंपनी के गोदाम में लगी आग महेश नवमी का माहेश्वरी समाज से क्या है संबंध? भारत ऑस्ट्रेलिया को हराकर टी20 वर्ल्ड कप से कर सकता है बाहर बिना कुछ पहने सड़को पर निकल गई उर्फी जावेद , देखकर बोले फैंस ये क्या छत्तीसगढ़ पुलिस कांस्टेबल शारीरिक दक्षता परीक्षा की तारीख घोषित, जानें पूरी डिटेल एक जुलाई से बदलने वाला है IPC, जाने क्या होने जा रहे है बदलाव WhatsApp या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नहीं दिया जा सकता धारा 41ए CrPC/धारा 35 BNSS नोटिस The 12 Best Superfoods for Older Adults Mother died with newborn case : महिला डॉक्टर समेत 2 नर्सों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज