गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध राजिम कुंभ कल्प मेले से जुड़ी एक बैठक के दौरान पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य द्वारा पत्रकारों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। यह घटना तब हुई जब पत्रकारों को बैठक से बाहर जाने के लिए कहा गया और फिर वापस आने पर भी उन्हें अपमानित किया गया। इस घटना के बाद पत्रकारों ने विवेक आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राजिम कुंभ कल्प मेला बैठक में पत्रकारों से बदसलूकी: विवेक आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पत्रकारों को बैठक से बाहर निकाला गया
1 फरवरी को राजिम रेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में जब पत्रकार कवरेज के लिए पहुंचे, तो विवेक आचार्य ने उन्हें बैठक से बाहर जाने के लिए कह दिया। बैठक के दौरान जब पत्रकारों ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता और रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल का नाम लिया, तो अधिकारी का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने कहा, “कौन बृजमोहन? हम नहीं जानते।” इसके बाद विवेक आचार्य ने पत्रकारों के साथ बार-बार अपमानजनक व्यवहार किया, जिससे नाराज होकर पत्रकार बैठक से बाहर चले गए।
पत्रकारों का विरोध और ज्ञापन
इस घटना के बाद पत्रकारों ने एसडीएम राजिम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और विवेक आचार्य को मेला कार्य से हटाने की मांग की। पत्रकारों का कहना था कि राजिम कुंभ मेले को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मीडिया की अहम भूमिका रही है, और यदि अधिकारियों का यह रवैया जारी रहा तो मेला की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा। राजिम कुंभ कल्प मेला बैठक में पत्रकारों से बदसलूकी: विवेक आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पत्रकारों की एकजुटता और संघर्ष
इस अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ गरियाबंद जिले के सभी पत्रकार एकजुट हुए और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। मीडियाकर्मियों ने स्पष्ट किया कि जब तक विवेक आचार्य के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं होती, वे इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से भी शिकायत करेंगे। अब इस मामले पर सभी की नजरें सरकार और प्रशासन पर हैं, और लोग यह देख रहे हैं कि वे इस पर क्या कदम उठाते हैं। राजिम कुंभ कल्प मेला बैठक में पत्रकारों से बदसलूकी: विवेक आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग