राजनांदगांव की धरोहर पर संकट: स्टेट हाईस्कूल मैदान में 2000 सीटों के ऑडिटोरियम का विरोध, डॉ. रमन सिंह से हस्तक्षेप की मांग

राजनांदगांव की धरोहर पर संकट: स्टेट हाईस्कूल मैदान में 2000 सीटों के ऑडिटोरियम का विरोध, डॉ. रमन सिंह से हस्तक्षेप की मांग
राजनांदगांव की धरोहर पर संकट: स्टेट हाईस्कूल मैदान में 2000 सीटों के ऑडिटोरियम का विरोध, राजनांदगांव में 64 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले भव्य ऑडिटोरियम के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शहर के पूर्व पार्षद और एक मुखर आवाज, हेमंत ओस्तवाल ने विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक डॉ. रमन सिंह से इस प्रोजेक्ट के स्थान को बदलने की पुरजोर मांग की है। उनका कहना है कि यह निर्माण शहर की खेल विरासत और एकमात्र बचे बड़े सार्वजनिक मैदान को खत्म कर देगा।
क्यों हो रहा है ऑडिटोरियम के स्थान का विरोध?
पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने डॉ. रमन सिंह, महापौर मधुसूदन यादव और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे 2000 सीटों वाले ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 64 करोड़ रुपये की स्वीकृति दिलाने के लिए डॉ. रमन सिंह के आभारी हैं, लेकिन इसका प्रस्तावित स्थान (स्टेट हाईस्कूल मैदान) जनभावनाओं के विरुद्ध है। उनका तर्क है कि यह मैदान शहर का आखिरी बड़ा खुला स्थान है, जिसका उपयोग खेल गतिविधियों, सामाजिक कार्यक्रमों और राजनीतिक रैलियों के लिए होता है। इसे खत्म करने से शहर की आत्मा पर चोट लगेगी।राजनांदगांव की धरोहर पर संकट: स्टेट हाईस्कूल मैदान में 2000 सीटों के ऑडिटोरियम का विरोध
शहर की ऐतिहासिक धरोहर और खेल भावना का सवाल
ओस्तवाल ने याद दिलाया कि राजनांदगांव के राजा ने लगभग 100 साल पहले एक दूरदर्शी मास्टर प्लान के तहत शहर का विकास किया था। इसी योजना के तहत स्टेट हाईस्कूल मैदान, म्युनिसिपल स्कूल मैदान और दिग्विजय स्टेडियम जैसे खेल के मैदानों को जनता के लिए सुरक्षित रखा गया था। राजनांदगांव, जिसे “संस्कारधानी” के नाम से जाना जाता है, की पहचान हॉकी से विश्व पटल पर है। ऐसे में खेल के मैदानों को खत्म करना युवा प्रतिभाओं और शहर की खेल संस्कृति के साथ अन्याय होगा।राजनांदगांव की धरोहर पर संकट: स्टेट हाईस्कूल मैदान में 2000 सीटों के ऑडिटोरियम का विरोध
वैकल्पिक स्थानों का सुझाव: खेल का मैदान भी बचे, विकास भी हो
यह मांग सिर्फ विरोध तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें एक रचनात्मक समाधान भी सुझाया गया है। ओस्तवाल का कहना है कि शहर में गौरवपथ रोड और म्युनिसिपल स्कूल के पास पहले से ही ऑडिटोरियम मौजूद हैं। यदि 2000 सीटों का एक और बड़ा ऑडिटोरियम बनाना ही है, तो इसे गौरवपथ रोड के आसपास स्थित राजगामी संपदा या नजूल विभाग की खाली पड़ी सरकारी भूमि पर बनाया जा सकता है। इससे विकास का कार्य भी हो जाएगा और शहर का महत्वपूर्ण खेल का मैदान भी सुरक्षित रहेगा।राजनांदगांव की धरोहर पर संकट: स्टेट हाईस्कूल मैदान में 2000 सीटों के ऑडिटोरियम का विरोध
पूर्व पार्षद ने की जनभावनाओं के सम्मान की अपील
हेमंत ओस्तवाल ने आग्रह किया है कि शहर के बच्चों और खेल प्रेमियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने डॉ. रमन सिंह से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर स्टेट हाईस्कूल मैदान में ऑडिटोरियम निर्माण के आदेश को रद्द करवाने की अपील की है, ताकि शहर की यह अनमोल धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संरक्षित रह सके।राजनांदगांव की धरोहर पर संकट: स्टेट हाईस्कूल मैदान में 2000 सीटों के ऑडिटोरियम का विरोध









