जयपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक खेल: पुलिस बन वीडियो कॉल पर दिखाया नकली कोर्ट, बुजुर्ग से ठगे 23 लाख, मास्टरमाइंड बेंगलुरु से गिरफ्तार

जयपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक खेल: पुलिस बन वीडियो कॉल पर दिखाया नकली कोर्ट, बुजुर्ग से ठगे 23 लाख, मास्टरमाइंड बेंगलुरु से गिरफ्तार
जयपुर: जयपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक खेल, साइबर ठगों ने अब अपराध का एक ऐसा तरीका इजाद कर लिया है, जो किसी के भी होश उड़ा दे। जयपुर में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग को “डिजिटल अरेस्ट” कर उनसे 23.56 लाख रुपये ठग लिए गए। इस सनसनीखेज मामले में जयपुर की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए गैंग के मास्टरमाइंड को बेंगलुरु से धर दबोचा है।
आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने पीड़ित को डराने के लिए वीडियो कॉल पर एक नकली कोर्ट रूम का सीन तक बना दिया था।
कैसे रची गई ‘डिजिटल अरेस्ट’ की यह खौफनाक साजिश?
यह पूरा खेल 23 मई को एक फोन कॉल से शुरू हुआ, जिसके बाद शातिर ठगों ने बुजुर्ग को अपने जाल में फंसा लिया।जयपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक खेल
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फेक पुलिस अधिकारी का कॉल: पीड़ित को एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया।
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मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप: ठग ने बुजुर्ग पर आरोप लगाया कि उनके नाम से खरीदे गए एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल 2.80 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है।
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गिरफ्तारी का डर: पीड़ित को डराते हुए कहा गया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।
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नकली कोर्ट का ड्रामा: बुजुर्ग को भरोसे में लेने और पूरी तरह डराने के लिए, ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल पर लिया और एक नकली कोर्ट का सीन दिखाया, जहां वकील और जज की तरह दिखने वाले लोग मौजूद थे। इसी को “डिजिटल अरेस्ट” कहते हैं, जहां पीड़ित को मानसिक रूप से बंधक बना लिया जाता है।
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पैसे की मांग: इसके बाद, केस को रफा-दफा करने के नाम पर उनसे अलग-अलग किस्तों में 23.56 लाख रुपये ठग लिए गए।
जयपुर पुलिस का एक्शन: बेंगलुरु में दबोचा गया मास्टरमाइंड
मामले की शिकायत मिलने के बाद जयपुर सिटी साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू की और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर गैंग के सरगना तक पहुंच गई।जयपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक खेल
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आरोपी की पहचान: गैंग के मास्टरमाइंड की पहचान सनी कुमार शर्मा के रूप में हुई है।
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बेंगलुरु से गिरफ्तारी: पुलिस ने एक सफल ऑपरेशन में सनी कुमार को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया।
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अंतरराज्यीय गैंग: पुलिस का मानना है कि यह एक बड़ा अंतरराज्यीय गिरोह है, जिसने देश के कई शहरों में इसी तरह लोगों को अपना शिकार बनाया है।
क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’? ऐसे रहें सावधान
‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का एक नया और खतरनाक तरीका है। इसमें ठग खुद को पुलिस, CBI, या अन्य जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर आपको डराते हैं और वीडियो कॉल पर लेकर आपको कहीं आने-जाने से रोकते हैं, ताकि आप किसी से मदद न मांग सकें।जयपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक खेल
बचाव के तरीके:
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न घबराएं: याद रखें, कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर इस तरह जांच नहीं करती और न ही पैसे मांगती है।
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कॉल काट दें: ऐसे किसी भी कॉल पर भरोसा न करें और तुरंत फोन काट दें।
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कोई पैसा ट्रांसफर न करें: किसी भी धमकी के आगे झुककर ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर न करें।
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तुरंत रिपोर्ट करें: इसकी सूचना तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या cybercrime.gov.in पोर्टल पर दें।









