भिलाई: सरकारी जमीन की हेराफेरी का बड़ा खुलासा
दुर्ग पुलिस को शासकीय जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर उसे बेचने वाले गिरोह के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिससे कुल आरोपियों की संख्या 13 हो गई है।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी ऋण पुस्तिकाएं तैयार कर लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर और नगर पुलिस अधीक्षक सत्यप्रकाश तिवारी के निर्देशन में विशेष टीम गठित कर जांच की जा रही है। शासकीय जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री कर बिक्री, दुर्ग पुलिस ने दो और आरोपियों को दबोचा
कैसे करते थे फर्जीवाड़ा?
पुलिस जांच के अनुसार, आरोपियों ने खसरा नंबर 5407/7 (रकबा 0.023 हेक्टेयर, जोन क्रमांक 2, वार्ड नं. 14, बाबादीप सिंह नगर) की फर्जी रजिस्ट्री तैयार की और इसे कई हाथों में बेचा।
इसके लिए उन्होंने एक जाली ऋण पुस्तिका बनाई और फर्जी दस्तावेजों के जरिए 10-10 लाख रुपये में रजिस्ट्री करवाई। आरोपीगण जाली आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस का भी उपयोग कर रहे थे। शासकीय जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री कर बिक्री, दुर्ग पुलिस ने दो और आरोपियों को दबोचा
अब तक ये हुए गिरफ्तार
इस प्रकरण में पुलिस ने अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
1️⃣ अरविंद भाई उर्फ पुरुषोत्तम डोंगरे
2️⃣ तिलकचंद गोंडाने
3️⃣ खेमचंद उर्फ खेमू डोंगरे
4️⃣ हरिशचंद राठौर
5️⃣ संतोष कुमार साहू
6️⃣ दीपक उर्फ दीपू मानिकपुरी
7️⃣ हेमंत सोनवानी
8️⃣ टीकाराम महोबे उर्फ भाउ
9️⃣ संजय शर्मा
🔟 कार्तिक शर्मा
1️⃣1️⃣ राजेंद्र प्रसाद
1️⃣2️⃣ रतन लाल (ग्राम कापा का कोटवार)
1️⃣3️⃣ इंदल यादव
आगे की कार्रवाई
पुलिस आरोपियों के नेटवर्क को खंगालने में जुटी है और यह जांच कर रही है कि अब तक कितनी शासकीय जमीन को इस तरह बेचा गया है। फर्जी दस्तावेज तैयार करने में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। शासकीय जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री कर बिक्री, दुर्ग पुलिस ने दो और आरोपियों को दबोचा