छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप, अजमल कसाब के नाम पर भेजे ईमेल ने मचाई सनसनी
मुख्य बिंदु:
-
‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ नामक संगठन ने ईमेल भेजकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी।
-
धमकी के बाद कोर्ट परिसर को तुरंत खाली कराया गया, 3 घंटे तक चली सघन तलाशी।
-
बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की जांच में कोई विस्फोटक नहीं मिला, पुलिस ने धमकी को अफवाह बताया।
-
चकरभाठा थाने में UAPA के तहत FIR दर्ज, ATS और साइबर सेल जांच में जुटीं।
बिलासपुर। सोमवार, 10 जून को छत्तीसगढ़ की न्यायपालिका के सबसे बड़े केंद्र, बिलासपुर स्थित हाईकोर्ट में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक धमकी भरा ईमेल मिला। ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ नाम के एक अनजान संगठन द्वारा भेजे गए इस ईमेल में हाईकोर्ट परिसर को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। गर्मी की छुट्टियों के बाद कोर्ट के पहले ही दिन मिली इस धमकी ने पूरे सुरक्षा तंत्र को हिलाकर रख दिया।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप
क्या लिखा था धमकी भरे ईमेल में?
यह धमकी भरा ईमेल abdia@outlook.com आईडी से भेजा गया था, जिसमें लिखा था कि हाईकोर्ट परिसर में ‘अमोनियम सल्फर आधारित आईईडी’ प्लांट किए गए हैं। ईमेल में 26/11 हमले के दोषी अजमल कसाब की फांसी और कुछ मुसलमानों की हिरासत को इस धमकी का कारण बताया गया। धमकी देने वाले ने इसे एक ‘पवित्र मिशन’ बताते हुए भारतीय न्यायपालिका को सबक सिखाने की चेतावनी दी।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप
3 घंटे तक चली सघन तलाशी, चप्पे-चप्पे पर बम स्क्वॉड
धमकी की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट प्रबंधन ने तत्काल पुलिस को सूचित किया। बिलासपुर पुलिस ने बिना कोई देरी किए मोर्चा संभाला:छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप
-
परिसर खाली कराया: जजों, वकीलों, स्टाफ और पक्षकारों सहित सभी लोगों को तुरंत परिसर से बाहर निकाला गया।
-
इलाका सील: पूरे हाईकोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया।
-
सघन जांच: बम निरोधक दस्ते (BDS) और स्निफर डॉग्स की टीम ने परिसर के चप्पे-चप्पे, हर कमरे, पार्किंग और वाहनों की गहन तलाशी ली।
लगभग तीन घंटे तक चले इस तलाशी अभियान के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि परिसर में कोई भी विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप
UAPA के तहत FIR, ATS और साइबर सेल जांच में जुटीं
भले ही धमकी झूठी निकली, लेकिन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला माना जा रहा है।
-
कड़ी धाराओं में केस: बिलासपुर के चकरभाठा थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत FIR दर्ज की गई है।
-
एजेंसियां अलर्ट: मामले की जांच के लिए साइबर सेल और एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) समेत कई केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां जुट गई हैं। शुरुआती जांच में ईमेल के किसी विदेशी सर्वर से भेजे जाने की आशंका जताई जा रही है।
बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा, “तलाशी में कुछ नहीं मिला, लेकिन हम इस धमकी को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं। ईमेल के स्रोत का पता लगाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद ली जा रही है।”छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप
साइबर आतंकवाद का नया चेहरा? सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत की न्यायिक संस्थाएं अब साइबर आतंकवादियों के निशाने पर हैं? धमकी भरे ईमेल से न केवल कामकाज बाधित हुआ, बल्कि भय का माहौल भी पैदा हुआ। इस घटना के बाद हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आने-जाने वाले हर व्यक्ति और वाहन की कड़ी जांच की जा रही है। यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वे इस तरह की धमकियों के पीछे छिपे नेटवर्क को जल्द से जल्द बेनकाब करें।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप