1. फर्जी बैंक गारंटी से सरकार को बड़ा नुकसान
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के एक राइस मिलर, फकीरचंद अग्रवाल ने कस्टम मिलिंग के तहत FCI में चावल जमा करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी का सहारा लिया, जिससे राज्य सरकार को 21.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस धोखाधड़ी के मामले में फकीरचंद ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे अतिरिक्त सत्र न्यायालय, पेंड्रारोड ने खारिज कर दिया है। गौरेला पेंड्रा मरवाही: फर्जी बैंक गारंटी से 21 करोड़ की ठगी, अग्रिम जमानत खारिज
2. कोर्ट का कड़ा रुख
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की कि अभियुक्त पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और जमानत देने से सबूतों पर असर पड़ सकता है। गौरेला पेंड्रा मरवाही: फर्जी बैंक गारंटी से 21 करोड़ की ठगी, अग्रिम जमानत खारिज
3. कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
राइस मिलर फकीरचंद ने अपने दो बेटों गोपाल कृष्ण और आशीष अग्रवाल के साथ मिलकर 2021-22 और 2022-23 में फर्जी बैंक गारंटी के जरिए धान का उठाव किया। इन फर्जी गारंटी के जरिए धान का स्टॉक मार्कफेड में जमा कराया गया, जिससे सरकारी तंत्र को बड़ी वित्तीय हानि हुई। गौरेला पेंड्रा मरवाही: फर्जी बैंक गारंटी से 21 करोड़ की ठगी, अग्रिम जमानत खारिज
4. जांच में सामने आए अहम तथ्य
जांच में यह सामने आया कि भारतीय स्टेट बैंक पेण्ड्रारोड से जारी 20 फर्जी बैंक गारंटी के माध्यम से कुल 20 करोड़ रुपये का कूटरचित लेनदेन किया गया था। जांच टीम ने इस फर्जीवाड़े की पुष्टि की है और संबंधित राइस मिलों को ब्लैकलिस्ट करने की अनुशंसा की है। गौरेला पेंड्रा मरवाही: फर्जी बैंक गारंटी से 21 करोड़ की ठगी, अग्रिम जमानत खारिज
5. राइस मिलों की ब्लैकलिस्टिंग की सिफारिश
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि फकीरचंद अग्रवाल और उनके बेटों की मिलों को काली सूची में दर्ज करने और धान खरीदी सत्र में उन्हें डीओ. जारी न करने की अनुशंसा की गई है। कलेक्टर को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकार के अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई की जाए। गौरेला पेंड्रा मरवाही: फर्जी बैंक गारंटी से 21 करोड़ की ठगी, अग्रिम जमानत खारिज