स्वाति मालीवाल को 10 साल पुराने केस में बड़ी राहत, पीड़िता का नाम उजागर करने के आरोप से कोर्ट ने किया बरी

नई दिल्ली: स्वाति मालीवाल को 10 साल पुराने केस में बड़ी राहत, पीड़िता का नाम उजागर करने के आरोप से कोर्ट ने किया बरी, आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को एक बड़े और पुराने मामले में दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें लगभग 10 साल पुराने एक मामले में बरी कर दिया है, जिसमें उन पर एक नाबालिग यौन उत्पीड़न पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप लगा था।
क्या था पूरा मामला?
यह मामला साल 2016 का है, जब स्वाति मालीवाल दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष थीं। दिल्ली के बुराड़ी पुलिस थाने में उनके खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी। आरोप था कि उन्होंने एक 14 वर्षीय दलित यौन उत्पीड़न पीड़िता (जिसकी बाद में मौत हो गई थी) के मामले में जांच की स्थिति जानने के लिए एक नोटिस जारी किया था, जिसमें पीड़िता का नाम लिखा हुआ था। इस नोटिस को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित करने का भी आरोप था।स्वाति मालीवाल को 10 साल पुराने केस में बड़ी राहत
उन पर जुवेनाइल जस्टिस (JJ) एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 228A के तहत मामला दर्ज किया गया था, जो यौन अपराधों की पीड़िताओं की पहचान उजागर करने पर रोक लगाती है।स्वाति मालीवाल को 10 साल पुराने केस में बड़ी राहत
कोर्ट ने सबूतों के अभाव में किया बरी
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान, अदालत ने इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी सबूतों और दलीलों की जांच करने के बाद कहा कि स्वाति मालीवाल या मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का कोई ठोस आधार नहीं मिला है।स्वाति मालीवाल को 10 साल पुराने केस में बड़ी राहत
कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका कि अपराध में उनकी कोई सीधी भूमिका थी। इस फैसले के साथ ही, लगभग एक दशक से चल रहा यह कानूनी मामला अब समाप्त हो गया है और कोर्ट के इस निर्णय ने स्वाति मालीवाल को एक बड़ी कानूनी लड़ाई में क्लीन चिट दे दी है।स्वाति मालीवाल को 10 साल पुराने केस में बड़ी राहत









