अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़: इंद्रावती टाइगर रिजर्व से हो रही थी पैंगोलिन की तस्करी, 13 किलो खाल के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार

अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़: इंद्रावती टाइगर रिजर्व से हो रही थी पैंगोलिन की तस्करी, 13 किलो खाल के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार
Jagdalpur News: अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में वन विभाग की टीम ने एक बड़े वन्यजीव तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने दो तस्करों को 13 किलोग्राम पैंगोलिन की खाल (शल्क) के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह बेशकीमती खाल इंद्रावती टाइगर रिजर्व जैसे संरक्षित क्षेत्र से तस्करी कर जगदलपुर में बेचने के लिए लाई गई थी।
गुप्त सूचना पर बिछाया जाल
वन विभाग को मुखबिर से पक्की सूचना मिली थी कि शहर के परपा इलाके में एक घर में दुर्लभ वन्यजीव के अंगों की तस्करी का सौदा होने वाला है। इस सूचना के आधार पर राज्य स्तरीय उड़नदस्ता और बस्तर वन मंडल की एक संयुक्त टीम ने जाल बिछाया। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से घर पर दबिश दी और मौके से दो आरोपियों को 13 किलो पैंगोलिन की खाल के साथ धर दबोचा।अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़
टाइगर रिजर्व से तस्करी का ‘रूट’
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी बीजापुर जिले के रहने वाले हैं। पूछताछ में उन्होंने जो खुलासा किया, वह चौंकाने वाला है। उन्होंने बताया कि यह खाल उन्होंने पामेड़ अभ्यारण्य और इंद्रावती टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले गांवों से इकट्ठा की थी। वे इसे बेचने के लिए ग्राहक की तलाश में जगदलपुर लाए थे, लेकिन सौदा होने से पहले ही पकड़े गए।अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़
खुलेगा बड़ा राज? अंतरराज्यीय नेटवर्क के मिले सुराग
यह मामला सिर्फ दो तस्करों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने एक बड़े अंतरराज्यीय नेटवर्क के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। वन विभाग को तस्करी के इस पूरे सिंडिकेट के बारे में अहम सुराग मिले हैं, जिसके तार दूसरे राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। विभाग अब इस पूरे गिरोह को ध्वस्त करने के लिए आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़
सलाखों के पीछे पहुंचे तस्कर
आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की सुसंगत धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशों के बाद से ही विभाग वन्यजीव अपराधों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रहा है, और यह सफलता उसी का नतीजा है।अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़









