रायगढ़ l अपर सत्र न्यायालय घरघोड़ा के न्यायाधीश अभिषेक शर्मा ने पाक्सो एक्ट के तहत आरोपी विश्वनाथ प्रताप मुरूम को 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 20,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह सज़ा 19 जुलाई 2021 को हुई घटना के बाद दी गई, जिसमें नाबालिग के साथ रेप का आरोप लगा था।नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की सज़ा: रायगढ़ में न्याय का फैसला
घटना का विवरण: बच्ची के साथ हुई दरिंदगी
19 जुलाई 2021 की रात 9:10 बजे, नाबालिग की मां ने धरमजयगढ़ थाने में अभियुक्त के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, अभियुक्त की पत्नी किसी काम से बाहर गई हुई थी, और शाम करीब 6 बजे बच्ची रोते हुए घर आई। उसने अपनी मां से नहलाने की ज़िद की और “मुझे मत मारना मम्मी” कहते हुए डर का इज़हार किया। जब मां ने उससे पूछा कि क्या हुआ, तो बच्ची ने बताया कि वह टीवी देखने गई थी, और तभी अभियुक्त ने अपने घर का दरवाजा बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया।नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की सज़ा: रायगढ़ में न्याय का फैसला
न्याय का फैसला: अभियुक्त को सख्त सजा
इस घिनौनी घटना के बाद, पीड़िता की मां की शिकायत पर धरमजयगढ़ थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा मामले की जांच के बाद, मामला अदालत में पहुंचा, जहां न्यायाधीश ने अभियुक्त को दोषी पाते हुए 20 साल की सश्रम कारावास और 20,000 रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई।नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की सज़ा: रायगढ़ में न्याय का फैसला
न्याय की जीत: कठोर सज़ा से मिलेगी पीड़ित परिवार को राहत
इस सख्त सजा से यह संदेश जाता है कि कानून ऐसे अपराधों के खिलाफ कठोर कदम उठाने में सक्षम है। न्यायालय के इस निर्णय से पीड़ित परिवार को राहत मिलेगी और यह भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक नजीर बनेगा।नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की सज़ा: रायगढ़ में न्याय का फैसला