बिलासपुर

NTPC सीपत मामला: हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को बताया ‘स्वार्थ से प्रेरित’, परिवहन संघ पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

कोर्ट ने याचिका को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग माना; कहा- याचिकाकर्ता का निजी स्वार्थ, जनहित नहीं, महत्वपूर्ण तथ्य भी छिपाए गए।

बिलासपुर। NTPC सीपत मामला: हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को बताया ‘स्वार्थ से प्रेरित’, परिवहन संघ पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एनटीपीसी सीपत के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को ‘स्वार्थ से प्रेरित’ और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने याचिकाकर्ता, क्षेत्रीय ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन, पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और उसकी सुरक्षा निधि भी जब्त करने का आदेश दिया है।

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एसोसिएशन ने अपनी याचिका में एनटीपीसी सीपत से निकलने वाले फ्लाई ऐश से भरे ओवरलोडेड ट्रकों पर रोक लगाने और प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी ट्रकों को तिरपाल से ढंककर चलाना अनिवार्य करने की मांग की थी। साथ ही, सीपत-बिलासपुर-बलौदा मार्ग पर मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की भी गुहार लगाई गई थी।हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को बताया ‘स्वार्थ से प्रेरित’, परिवहन संघ पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

जनहित की आड़ में निजी स्वार्थ

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की बेंच ने पाया कि यह याचिका सद्भावना से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संघ स्वयं एक ट्रांसपोर्टर है और एनटीपीसी के परिवहन ठेकों में उसकी सीधी व्यावसायिक रुचि है। यह भी सामने आया कि याचिकाकर्ता ने अधिकारियों को पत्र लिखकर स्थानीय परिवहनकर्ताओं को प्राथमिकता देने और भाड़ा दर तय करने की मांग की थी, जिससे उसका निजी स्वार्थ स्पष्ट होता है।हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को बताया ‘स्वार्थ से प्रेरित’, परिवहन संघ पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

अदालत से छिपाए गए महत्वपूर्ण तथ्य

कोर्ट ने इस बात पर भी गंभीर आपत्ति जताई कि याचिकाकर्ता ने यह तथ्य छिपाया कि हाल ही में जुलाई में उसके खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी। इस FIR में उस पर एनटीपीसी के गिट्टी परिवहन कार्य में लगे वाहनों को रोकने, चालकों को धमकाने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप थे। कोर्ट के अनुसार, इस महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाना याचिकाकर्ता की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को बताया ‘स्वार्थ से प्रेरित’, परिवहन संघ पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

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अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि ओवरलोडिंग और प्रदूषण के इसी मुद्दे पर कोर्ट पहले से ही स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसके बावजूद समानांतर याचिका दायर करना कानूनी प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग है। इन्हीं कारणों के आधार पर कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए जुर्माना लगाया।हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को बताया ‘स्वार्थ से प्रेरित’, परिवहन संघ पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

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