कांकेर में धर्मांतरण पर फिर बवाल: धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण, गांव छावनी में तब्दील

कांकेर में धर्मांतरण पर फिर बवाल: धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण, गांव छावनी में तब्दील
कांकेर: धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण, छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के जामगांव में धर्मांतरण को लेकर उपजा विवाद अब एक बड़े टकराव में बदल गया है। एक धर्मांतरित ग्रामीण की मौत के बाद उसे खेत में दफनाने को लेकर पिछले दो दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। आसपास के आधा दर्जन गांवों के लोग जामगांव में इकट्ठा हो गए हैं और कब्र से शव को बाहर निकालने की मांग पर अड़ गए हैं। ग्रामीणों ने मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन और चक्काजाम की चेतावनी दी है, जिसके बाद पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
खेत में दफनाया शव, भड़के ग्रामीण
विवाद की शुरुआत तब हुई जब जामगांव निवासी सोमलाल राठौर की बीमारी के बाद जिला अस्पताल में मौत हो गई। सोमलाल के परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया था, इसलिए उन्होंने 27 जुलाई की सुबह ईसाई रीति-रिवाज से शव को गांव के पास अपने ही खेत में दफना दिया। जब सुबह करीब 11 बजे गांव के अन्य लोगों को इसकी जानकारी मिली, तो वे भड़क उठे और दफन स्थल पर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण
आस्था और परंपरा की लड़ाई
यह पूरा विवाद आस्था और परंपरा को लेकर है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि मृतक सोमलाल का परिवार पहले आदिवासी समुदाय का हिस्सा था और बाद में उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया। इसलिए, अंतिम संस्कार या तो मूल आदिवासी परंपरा के अनुसार गांव के श्मशान घाट में होना चाहिए था, या फिर ईसाई धर्म के अनुसार उनके कब्रिस्तान में। गांव की सीमा में किसी भी खेत में इस तरह शव दफनाने नहीं दिया जाएगा। ग्रामीणों की एक ही मांग है कि शव को कब्र से निकालकर उचित स्थान पर दफनाया जाए।धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण
वहीं, मृतक के परिवार का कहना है कि उन्होंने शव को अपनी निजी भूमि पर दफनाया है, किसी और की जमीन पर कब्जा नहीं किया है, तो फिर इसमें किसी को आपत्ति क्यों हो रही है?धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण
पुलिस की समझाइश नाकाम, तनाव चरम पर
मामले की गंभीरता को देखते हुए नरहरपुर थाने की पुलिस और जिला मुख्यालय से अतिरिक्त बल मौके पर तैनात है। पुलिस अधिकारी दोनों पक्षों को समझाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी सारी कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई हैं। ग्रामीण अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, जिससे तनाव चरम पर है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं।धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण
प्रार्थना स्थल से लेकर दफन तक, क्यों सुलग रहा है जामगांव?
जामगांव में यह विवाद नया नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करके एक प्रार्थना स्थल (चर्च) का निर्माण किया गया है, जिसका मामला तहसीलदार के पास लंबित है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दो साल से जब से गांव में धर्मांतरण की गतिविधियां बढ़ी हैं, तब से उनके शांत गांव का माहौल खराब हो गया है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से धर्मांतरण पर एक ठोस नीति बनाने और इस पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।धर्मांतरित का शव कब्र से निकालने पर अड़े ग्रामीण









